दरअसल आज दोपहर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के गांधी बधिर कॉलेज का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह संयोग की बात है कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तो जोधपुर के गांधी बधिर स्कूल को सेकेंडरी किया और जब दूसरी बार मुख्यमंत्री बना तो 2010 में इस स्कूल को सीनियर सेकेंडरी तक किया और अब तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हो तो इसे सीनियर सेकेंडरी से कॉलेज में तब्दील कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख बधिर कॉलेज के निरंतर विकास के लिए मुझे बार-बार मुख्यमंत्री बनना पड़ेगा।अगली बार सीएम बनने पर इसे कॉलेज से विश्वविद्यालय बनाएंगे। स्कूल से मैं इस संस्थान को कॉलेज के रूप में देख रहा हूं मुझे कितनी खुशी हो रही है मैं इसे बयां नहीं कर पा रहा हूं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने ही 1982 में गांधी बधिर संस्थान की नींव रखी थी संस्थान की समिति का पहला अध्यक्ष भी मैं ही था संस्थान को 40 साल हो गए हैं मूक बधिर संस्थान के 50 साल पूरे होने पर हम फिर मिलेंगे।
जोधपुर के लोगों ने इस संस्थान को आगे बढ़ाया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जोधपुर के दानदाताओं ने मूक बधिर संस्थान के लिए जो काम किया उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। सीएम ने कहा कि जोधपुर की माटी के अंदर सेवा भाव है, कोरोना काल में प्रदेश वासियों ने जो सेवा की है वह अपने आप में बेमिसाल है। कोरोना काल मे पूरे प्रदेश में किसी किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया। कोरोना काल में सभी दलों, एनजीओ और धर्मगुरुओं ने हर संभव मदद की शानदार तरीके से काम किया। कोरोना की दूसरी लहर में भीलवाड़ा मॉडल की दुनिया में तारीफ हुई, सीएम गहलोत ने कहा कि लोगों को मास्क और वैक्सीन ही बचाएगी।
कोरोना की तीसरी लहर में अस्पताल खाली पड़े हैं जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है उनकी मौत से ज्यादा हो रही है, इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल तौर पर कॉलेज का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली मौजूद रहे।