दरअसल गहलोत खेमे के रणनीति जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, जिससे कि बागी विधायक चालू विधानसभा सत्र के दौरान व्हिप का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं अगर इसके बाद भी वे व्हिप उल्लंघन करते हैं उनकी सदस्यता चली जाएगी।
फ्लोर टेस्ट की बजाए बिल पास कराने की तैयारी
गहलोत कैंप से जुड़े रणनीतिकारों की माने तो गहलोत खेमा विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट नहीं करेगा बल्कि पूर्व में पेंडिंग पड़े कई बिलों को पास कराने की रणनीति पर चलेगा। बिल पास कराए जाने के दौरान पार्टी के मुख्य सचेतक की ओर से सभी विधायकों को व्हिप जारी किया जाएगा।
ऐसे में कोई भी विधायक बिना कोई ठोस कारण बताए बिल पास कराने के दौरान अनुपस्थित नहीं रह सकता है, अगर वे बिना कोई कारण बताए अनुपस्थित रहता है या फिर बिल के खिलाफ वोटिंग करता है उसकी सदस्यता स्वतः ही चली जाएगी।
बिल पास नहीं हुआ तो तो भी नहीं गिरेगी सरकार
वहीं फाइनेंस बिल के अलावा सरकार के दूसरे बिल ध्वनिमत से पारित नहीं होते या फिर बिल के खिलाफ वोटिंग होती तो भी सरकार गिरने से बचेगी केवल बिल को विधानसभा समिति को रैफर कर दिया जाएगा।
बाहर आए तो एओजी करेगी पूछताछ
वहीं अगर बागी विधायक विधानसभा सत्र में शरीक होने जयपुर आते हैं तो विधायकों के खरीद-फरोख्त और सरकार गिराने की साजिश की जांच कर रही एसओजी इन बागी विधायकों से पूछताछ करेगी। वैसे भी इन बागी विधायकों की तलाश में एसओजी पिछले पांच दिनों से दिल्ली और हरियाणा में डेरा डाले हुए हैं।