केंद्रीय अनुदान में बड़ी कटौती…दुबारा तय करें विकास कार्यों की प्राथमिकता : गहलोत
जयपुरPublished: Nov 06, 2019 12:32:57 am
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (C M Ashok Gehlot) ने अधिकारियों से कहा है कि केन्द्र से प्राप्त होने वाली करों की हिस्सा राशि एवं अनुदान में कमी को देखते हुए राज्य में विकास कार्यों की प्राथमिकताओं का पुनर्निर्धारण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अपने संसाधनों से राजस्व संग्रहण बढ़ाने पर भी फोकस किया जाए।
गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वित्त विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था एवं जीएसटी सहित केन्द्र सरकार के अन्य अदूरदर्शी निर्णयों के कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी आई है, जिसका प्रभाव राजस्थान पर भी पड़ा है।
सात हजार करोड़ कम मिलने की संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को न केवल केन्द्रीय करों से मिलने वाली हिस्सा राशि में लगभग 4 हजार 172 करोड़ रुपए बल्कि विभिन्न केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के अनुदान में करीब 3 हजार 176 करोड़ रुपए की कटौती संभावित है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजस्थान को केन्द्र से लगभग 5 हजार 600 करोड़ कम मिले थे तथा चालू वित्त वर्ष में करीब 7 हजार 348 करोड़ रुपए कम मिलने की संभावना है।
वित्तीय प्रबंधन करने की जरूरत
गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए राजस्व संग्रहण के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल में जिस तरह कुशल वित्तीय प्रबंधन रहा था, उसी तरह कार्ययोजना बनाकर राज्य को मजबूती के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाएं। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, शासन सचिव वित्त (बजट) हेमंत गेरा, विशिष्ट शासन सचिव वित्त सुधीर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।