गहलोत और पायलट दोनों ने केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखा है। मामले को संभालने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ( Randeep Singh Surjewala ) को सामने आना पड़ा। उन्होंने मंगलवार शाम ट्वीट कर लिखा कि गहलोत ने हार की सामूहिक जिम्मेदारी की स्पष्ट बात कही है। इससे पहले गहलोत ने ट्वीट करके अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने लिखा कि कुछ सवालों के जवाब को संदर्भ से बाहर लिया जा रहा है। हालांकि पायलट ने इस पूरे मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
दरअसल इस पूरे बवाल की शुरूआत वैभव की नामांकन रैली में पायलट के दिए भाषण और दूसरे चरण के बाद दिए उनके एक बयान से हुई। पायलट ने रैली में कहा था कि वैभव को वह अपनी जमानत पर टिकट दिलवाकर लाए हैं। बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जोधपुर में 8 में से 6 विधायक कांग्रेस के हैं और मुख्यमंत्री गहलोत का वह गृह जिला है। अत: वहां से कांग्रेस सबसे बड़े अंतर से जीतेगी।
पायलट के इसी बयान को आधार बनाकर गहलोत से सवाल पूछा गया था। जवाब में वह बोले कि यह तो अच्छी बात है। मीडिया में गलतफहमी पैदा होती है की प्रदेशाध्यक्ष और मुख्यमंत्री की बनती नहीं है। जब पायलट कहते हैं मैंने वैभव के टिकट की जमानत दी है तो फिर हमारे बीच कहां मतभेद है, यह समझ से परे है। पर उसके बाद में पायलट ने कहा जोधपुर की सीट भारी बहुमत से जीतेंगे। शानदार केम्पेन किया है तो मैं समझता हूं की कम से कम पायलट को उस सीट पर हार की जिम्मेदारी तो लेनी चाहिए। बयान पर बवाल होने के बाद मुख्यमंत्री की टीम ने मीडिया को गहलोत और पायलट दोनों के बयानों के वीडियो भेजकर सफाई दी। दोनों के बयानों के यह सभी वीडियो केन्द्रीय नेतृत्व को भी भेजे गए हैं।