गहलोत ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी थी, कि रात के अंधेरे में ऐसा गंदा खेल खेला गया। गहलोत ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गई हैं।
गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र की घटना को इतिहास में याद रखा जाएगा। गहलोत ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि इतनी बड़ी घटना उनके नाम से हुई है और उनकी स्टाम्प भी लगी है।
राष्ट्रपति को सोचना होगा कि इतना बड़ा फैसला रात के अंधेरे में कैसे किया गया। सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके नेताओं को चाहिए कि वे तीन दिन के भीतर अपना बहुमत साबित करें।
किस बात का डर था भाजपा को
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साथते हुए कहा कि आखिर भाजपा को किस बात का डर सता रहा था, भाजपा को ये बताना चाहिए कि कब तो राज्यपाल ने कैबिनेट को संदेश दिया, कब कैबिनेट की मीटिंग हुई और कब राष्ट्रपति को मैसेज किया गया। सुबह ते 5 बजकर 47 मिनट पर फैसला हुआ, आठ बजे शपथ हुई , इसकी जरुरत क्या था।
करना ही था तो सबको सूचना देते, शपथ ग्रहण के लिए लोगों को निमंत्रण देते। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साथते हुए कहा कि जो शख्स राज्यपाल पद की शपथ लेता है वो किसी पार्टी का नहीं होता, लेकिन समझ नहीं आता कि उन्होंने पद का ख्याल न करके बीजेपी के नेताओं से सांठगांठ करके इन नेताओं को शपथ दिलाई।
किसी भी दल के विधायक आते हैं तो देंगे सुरक्षा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों के पुनः जयपुर आने के सवाल पर कहा कि अगर वो दुबार यहां आने चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे वो पहले भी यहां आए थे और हमने उन्हें सुरक्षा दी थी। फैसले लोकतंत्र के हिसाब से हों।
गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार होर्स ट्रेडिंग हो रही है। वो क्या अगर किसी और पार्टी के विधायक भी यहां आते हैं तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उनकी रक्षा करें और उन्हें सुरक्षा दें।