मेवाड़ में हाईकोर्ट की बैंच स्थापित करने का आंदोलन पिछले करीब साढ़े तीन दशक से चल रहा है, लेकिन चुनाव से ठीक छह माह पहले फिर उठी बैंच की मांग ने राज्य की सरकार की नींद उड़ा दी है। कारण है भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत का आंदोलन की कमान सम्भालना। चपलोत इस मुद्दे पर आज से आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। उन्हें वकीलों का पूरा समर्थन मिल रहा है, वहीं सरकार उलझन में है कि इस मुद्दे से कैसे निपटा जाए।
हालांकि सरकार के दो प्रमुख मंत्रियों ने आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात करवा कर कुछ न कुछ रास्ता निकालने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक तो मुलाकात का समय ही तय नहीं हो पाया है। हालांकि एक मंत्री ने इस मामले में केंद्र की सहमति मिलने का संकेत दिया है, लेकिन सरकार की दिक्कत है कि इस मुद्दे पर कुछ कदम बढ़ा भी लिए तो जोधपुर व मारवाड़ से विरोध शुरू होगा और हाड़ौती व बीकानेर से भी हाईकोर्ट बैंच की मांग सिर उठाने लगेगी।
फिलहाल चपलोत ने कहा कि जब तक राज्य मंत्रिमंडल उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना का प्रस्ताव पारित नहीं कर देता, वे अनशन नहीं तोड़ेंगे। हाईकोर्ट बैंच की मांग को बांसवाड़ा के वकीलों ने भी समर्थन दिया है। पिछले 16 अप्रेल से इस मुद्दे पर अनशन कर रहे बांसवाड़ा के वकील आज न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं।