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सीएम की नाराजगी और मुख्य सचिव के आदेश भी बेअसर, अफसरों ने फिर रोके पट्टे

locationजयपुरPublished: Nov 24, 2021 11:44:39 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

प्रशासन शहरों के संग अभियान में कोताही पर जिम्मेदारों पर फिर गिरी गाज

सीएम की नाराजगी और मुख्य सचिव के आदेश भी बेअसर, अफसरों ने फिर रोके पट्टे

सीएम की नाराजगी और मुख्य सचिव के आदेश भी बेअसर, अफसरों ने फिर रोके पट्टे

जयपुर। मुख्यमंत्री की गहरी नाराजगी और मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी प्रशासन शहरों के संग अभियान में कोताही बरती जा रही है। स्वायत्त शासन विभाग ने फिर ऐसे लापरवाह अफसरों पर एक्शन शुरू कर दिया है। इस बार चार निकाय के प्रमुख अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। साथ ही स्पष्ट कर दिया है जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ तो निलंबन की कार्रवाई होगी। इनमें बांसवाड़ा नगर परिषद के आयुक्त प्रभुलाल भापोर, बारां नगर परिषद के आयुक्त मनोज कुमार मीणा, भरतपुर नगर निगम के सचिव रविन्द्र और बयाना नगर पालिका के ईओ जितेन्द्र गर्ग को नोटिस थमाया गया है। सभी को स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की मंजूरी के बाद नोटिस जारी किया गया। गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्य सचिव की बैठक में लापरवाही सामने आई थी।

यह मुख्य कारण
-ले आउट प्लान की मंजूरी के बावजूद नहीं दिए पट्टे
-इन निकायों में पट्टे की कई फाइलें लंबित हैं
-सरकार के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लेने और कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती गई

कहां-क्या लापरवाही
1. भरतपुर नगर निगम— निगम के सचिव रविन्द्र से पट्टों की फाइलें लंबित रहने पर जवाब तलब किया है। यहां बेवजद फाइलें लंबित रखी जा रही है, जबकि इनके लिए ले आउट प्लान मंजूरी किए जा सकते हैं। इसे घोर लापरवाही में माना है।
2. बयाना नगर पालिका— पालिका के अधिशासी अधिकारी जितेन्द्र गर्ग को भी पट्टों से जुड़ी फाइलों का निस्तारण समय पर नहीं करने, लंबित रखकर अटकाने पर जिम्मेदार माना गया है।

3. बारां नगर परिषद— नगर पालिका में पट्टे जारी करने की 2205 फाइलें बेवजह लंबित हैं,जबकि इनके लिए भी ले आउट प्लान मंजूर किए जा चुके हैं। नोटिस में लिखा गया है कि,आयुक्त ने सरकार के निर्देशों की अवहेलना की, कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती है। इस कारण प्रकरण लंबित होना खेदजनकर है। यहां आयुक्त मनोज कुमार मीणा है।
4. बांसवाड़ा नगर परिषद— यहां पट्टों से जुड़ी 1415 फाइलें लंबित हैं। आयुक्त प्रभुलाल भापोर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें भी सरकार के निर्देशों की पालना नहीं करने पर गंभीरता जताई है।

फिर नोटिस के क्या मायने
सरकार ने पहले भी निकाय के प्रमुख अधिकारियों को नोटिस जारी किए, लेकिन उनका भी असर नहीं हो रहा। इन नोटिस के आधार पर किसी भी अफसर पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। न ही जिम्मेदारों को वहां से हटाकर दूसरी जगह भेजा। यही कारण है कि लापरवाही कम नहीं हो रही।
एक दिन में देने थे, 54 दिन बाद भी एक लाख पट्टे नहीं
अभियान 2 अक्टूबर को शुरू हुआ और सरकार ने पहले ही दिन 1 लाख पट्टे देने का लक्ष्य तय किया। लेकिन हकीकत यह है कि 54 दिन बाद भी इस आंकड़े को छुआ नहीं जा सका है। इससे सरकार के दावे पर सवाल उठ रहा है। जबकि, सरकार लगातार रियायतों का पिटारा खोले जा रही है पर फिर भी जनता अपेक्षित रूप से साथ नहीं आ रही।
इन पर दारोमदार
-भवानी सिंह देथा, शासन सचिव, स्वायत्त शासन सचिव
-कुंजीलाल मीणा, प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास विभाग

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