उन्होंने कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की बात से सहमत हैं कि गबन करने वाला तो जेल चला जाता है लेकिन जिन लोगों के पैस का गबन हुआ उन्हें उन्हें कुछ नहीं मिल पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले को लेकर सदन में आधे घंटे की चर्चा कराने को भी तैयार हैं और विपक्ष साथ दे तो इस मामले में कानून बनाने को भी तैयार हैं। साथ ही सरकार केंद्र सरकार को भी चिट्ठी लिखेगी और विपक्ष को भी चाहिए कि वे केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखे।
इससे पहले मंत्री टीकाराम जूली ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गबन के मामलों का जांच एसओजी में चल रही है, उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री और उनके रिश्तेदारों के नाम भी है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ये गंभीर मामला है, जो लोग अपनी गाढ़ी कमाई और पेंशन का पैसा इस लालच में सहकारी बैंकों और कॉपरेटिव सोसाइटी में जमा कराते हैं कि उन्हें ब्याज अधिक मिल सकेगा।
गबन के बाद उन लोगों का पैसा डूब जाता है और उन्हें कुछ नहीं मिलता। ऐसा कुछ हो कि गबन करने वाले लोगों की संपत्ति कुर्क और नीलाम करके उन लोगों का पैसा लौटाया जाए। मुख्यमंत्री को भी पर ध्यान देना चाहिए।