उन्होंने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में तकनीक के बढ़ते प्रयोग के साथ ही गबन, घोटाले एवं फ्रॉड के प्रकरण सामने आ रहे हैं। इसको रोकने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक के मापदण्डों के अनुसार सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा।
अनियमितता पर 30 दिवस में होगी कार्रवाई इस दौरान उन्होंने बताया कि अपेक्स बैंक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को बैंक में समस्त बैंकिंग व्यवहारों की भारतीय रिजर्व बैंक के मापदण्डानुसार नियमित मॉनिटरिंग के साथ-साथ औचक समीक्षा करने के लिये निर्देशित किया गया है। बैंकों में गबन, घोटाले या फ्रॉड के प्रकरण संज्ञान में आते ही 30 दिवस में उसकी जांच कर दोषी कार्मिकों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई करने के लिये निर्देशित कर दिया गया है।
गलत ट्रांजेक्शन ( Fraud Bank Transaction ) पर दें तुरंत जानकारी रजिस्ट्रार ने सहकारी बैंकों के सभी खाताधारकों से अपील भी की कि वे अपने खाते के साथ एसएमएस की सुविधा को एक्टिवेट करायें और जैसे ही उन्हें अनियमित ट्रांजेक्शन की सूचना मिले वे तुरंत ही संबंधित बैंक शाखा को सूचित करें। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश की किसी पैक्स या लैम्पस में अनियमितता या गबन के प्रकरणों पर लगाम लगाने के लिये इनके नियमित निरीक्षण की व्यवस्था को दुरस्त करें तथा जैसे ही कोई ऎसा प्रकरण सामने आता है कि उनके विरूद्ध सहकारी अधिनियम तथा व्यवस्थापकीय सेवा नियमों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
पात्र किसानों को मिल सके फसली ऋण साथ ही उन्होंने किसानों को सुगम रूप से फसली ऋण मुहैया कराने के लिये सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को विभाग द्वारा जारी परिपत्र की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी किए। रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि इसके लिये 3 जून से ऑनलाइन फसली ऋण वितरण पोर्टल पर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सभी पात्र किसानों को फसली ऋण मिल सके तथा कोई भी अपात्र या असंदिग्ध किसान फसली ऋण नहीं ले सके। इसे सुनिश्चित करने के लिये पहली बार ऑनलाइन ऋण वितरण की व्यवस्था की गई है।