एक जगह पर अधिकतम तीन वर्ष तक ही रह सकेगा कार्मिक
जयपुरPublished: Oct 03, 2019 08:36:26 pm
राजस्थान सरकार में प्रशासनिक सुधारों की मानो लहर चल पड़ी है। एक तरफ तबादलों का सीजन जोरों पर है, तो दूसरी ओर कर्मचारियों को लेकर रोजाना दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इनमें ताजा नाम सहकारिता विभाग का जुड़ गया है।
सहकारिता विभाग में रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार एक ही पद पर कार्मिक विशेष को अधिकतम तीन वर्ष तक रखा जा सकेगा तथा उसे एक से अधिक पदों का कार्यभार नहीं दिया जाएगा।
वित्तीय मामलों पर पैनी नजर
इसके अलावा सहकारिता विभाग ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर भी खासी सख्ती बरती है। रजिस्ट्रार डॉ. पवन ने केन्द्रीय सहकारी बैंकों में आरटीजीएस एवं एनईएफटी के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए 24 बिंदुओं के निर्देश सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों को जारी किए हैं।
यहां मिली थी गड़बडिय़ां
डॉ. पवन ने बताया कि राज्य के कुछ केन्द्रीय सहकारी बैंकों जैसे अलवर, सीकर, चितौडग़ढ़ (रावतभाटा), हनुमानगढ़, बूंदी में आरटीजीएस एवं एनईएफटी में अनियमितता किए जाने प्रकरण सामने आए थे। इसको देखते हुए गाइड लाइन जारी की गई है।
कर्मचारी की सीआर में रिमार्क
उन्होंने बताया कि गाइड लाइन की अनुपालना नही होने पर अनियमितता जैसी घटनाएं होती है तो कार्मिक के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ-साथ बैंक के सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं संबंधित प्रबंध निदेशक भी जिम्मेदार होंगे।
नई तकनीक से आएगी पारदर्शिता
रजिस्ट्रार ने बताया कि शीर्ष बैंक खाते का नियमित मिलान करेगा, सीबीएस सॉफ्टवेयर आईडी के पासवर्ड एक-दूसरे से साझा नही किए जाएंगे तथा समय-समय पर परिवर्तन भी किया जाएगा, बैंक या शाखा के अन्य बैंकों में विद्यमान खातों का भी नियमित मिलान होगा। शीर्ष सहकारी बैंक अपने सीबीएस सॉफ्टवेयर को अपडेट कराएगा। इसके अलावा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खाते का नियमित मिलान सुनिश्चित किया जाएगा।
ये उपाय रोकेंगे अनियमितता
डॉ. पवन ने बताया कि आरटीजीएस एवं एनईएफटी के लिए खोले गए खातों का दैनिक मिलान सुनिश्चित होगा। सीबीएस सॉफ्टवेयर द्वारा संतुलन चित्र, लाभ-हानि खाते व रिपोट्र्स को ही उपयोग में लिया जाएगा। मैनुअल इंटरवेशन को बंद किया जाएगा। ब्याज दरों में परिवर्तन का विलय केवल प्रधान कार्यालय में ही उपलब्ध होगा तथा आरटीजीएस एवं एनईएफटी हेतु मैंडेट फॉर्म लिया जाएगा।
क्या है सरकार की मंशा
उन्होंने बताया कि निर्देश जारी करने के पीछे मंशा यह है कि बैंकों में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके तथा बैंकों की अमानत में वृद्धि हो सके साथ ही जनमानस में सहकारी बैंकों के प्रति विश्वसनीयता बनी रहे।