हालांकि संगठन में गहलोत समर्थक माने जाने वाले नेताओं ने जरुर इस मामले पर अपनी बात रखी हो, और पूरे सियासी संकट और घटनाक्रम के लिए पायलट और उनके समर्थक विधायकों को जिम्मेदार बताया हो, लेकिन सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले संगठन से जुड़े नेताओं ने अभी तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। इन नेताओं की सियासी चुप्पी को लेकर कांग्रेस गलियारों में भी चर्चाएं तेज हैं।
पायलट कैंप में भी नाराजगी
वहीं संगठन से जुड़े नेताओं की ओर से सचिन पायलट के समर्थन में बयानबाजी नहीं करने और अभी तक चुप्पी साधे रहने से सचिन पायलट कैंप में भी नाराजगी है। सूत्रों की माने तो पायलट कैंप का कहना है कि संगठन से जुड़े नेताओं की चुप्पी हैरान करनी वाली है। इन नेताओं को आगे आकर सचिन पायलट के समर्थन में बयान देने चाहिए।
संगठन में ये नेता थे पायलट समर्थक
दरअसल प्रदेशाध्यक्ष रहते सचिन पायलट ने संगठन में भी नए सिरे कार्यकारिणी बनाते हुए अपने समर्थकों की टीम तैयार की थी। जिनमें प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी, पूर्व सांसद गोपाल सिंह इड़वा, महेश शर्मा, प्रशांत शर्मा जैसे नेता थे। जिन्हें सचिन पायलट ने संगठन में अहम पदों पर स्थापित किया था।
पार्टी में बड़े आयोजनो, धरने-प्रदर्शन और हर बड़े काम की बागडोर इन्हीं नेताओं के हाथों में होती थी। हालांकि पायलट को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पायलट समर्थक माने जाने वाले इन नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पायलट के सर्मथन में कोई बयान नहीं दिया, जिससे कई तरह के कयास अब लगाए जा रहे हैं।
वेट एण्ड वॉच की स्थिति
हालांकि कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि संगठन में पायलट कैंप के माने जाने वाले नेता फिलहाल वेट एण्ड वॉच की स्थिति में है। पायलट कैंप के विधायक आगे क्या कदम उठाते हैं उस पर इनकी नजर टिकी हुई है। सूत्रों की माने तो संगठन में पायलट कैंप के नेता कोई बड़ा फैसला नहीं होने तक चुप्पी ही साधे रहेंगे।