16 जिला स्तरीय अधिकारियों की निगरानी में के साथ काम कर रहा है। इसका एक उदाहरण शुक्रवार को देखने का मिला, जब सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने नेत्रहीन और उड़ीसा के 80 बच्चों को मदद पहुंचाई। दरअसल, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में गजानन्द अग्रवाल विकलांग बालिका प्रशिक्षण केन्द्र चलाके हैं।
इस प्रशिक्षण केंद्र में 10 से ज्यादा नेत्रहीन बच्चे हैं। अग्रवाल खुद भी दृष्टि बाधित हैं। उन्होंने बताया कि, पहले भी दानदाताओं के सहयोग से केन्द्र की व्यवस्था चल रही थी, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद राशन खत्म हो गया।
हमने किसी तरह जिला प्रशासन के वॉर रूम तक ये बात पहुंचाई तो, विश्वास नहीं हुआ कि आधे घंटे में जिला कलेक्ट्रेट से फोन आ गया और उसके आधे घंटे में वॉर रूम के प्रभारी अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार के निर्देश पर एसडीएम, उत्तर ओम प्रभा खुद तैयार भोजन के साथ यहां पहुंच गए।
उड़ीसा के 80 बच्चों को भी दिया राशन
वहीं उड़ीसा के बालेसर, भुवनेश्वर और कई जिलों के करीब 80 बच्चों के पास खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। ये सभी लोग यहां राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से बीएड करने आए थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण कॉलेज बंद है और बच्चे आस-पास के घरों में अलग-अलग रहते हैं। इसकी जानकारी वॉर रूम में मिलते हीउन्हें तैयार खाना और सूखा राशन उपलब्ध कराया गया।