मुख्यमंत्री ने नि:शुल्क दवा योजना के तहत सभी अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कहीं भी दवाओं की कमी नहीं रहे। जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त इलाज मिल सके। इसी मंशा के साथ राज्य सरकार ने यह योजना शुरू की थी। अस्पताल और जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि कोई भी रोगी दवाओं से वंचित नहीं रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला ड्रग सेंटर से सीएचसी एवं पीएचसी में दवाओं की आपूर्ति के लिए एडवांस प्लान बनाकर मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही अस्पताल एवं जिला प्रशासन ई-औषधि पोर्टल के माध्यम से भी प्रभावी मॉनीटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण आवश्यक रूप से उपलब्ध हों। कोई उपकरण खराब होता है तो उसकी समय पर मेंटीनेंस हो। अस्पतालों में अवधिपार उपकरणों को 31 मार्च तक कण्डम घोषित करने की प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अस्पतालों में उपकरणों के रखरखाव तथा नाकारा घोषित करने की राज्य स्तरीय केंद्रीकृत व्यवस्था विकसित की जाए। इसके लिए ई-उपकरण पोर्टल को और प्रभावी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसके लिए आशा सहयोगिनियों, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अभियान चलाकर शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर जिला स्वास्थ्य समिति की नियमित बैठकें लें। निरोगी राजस्थान सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, इसकी सफलता चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन पर बहुत अधिक निर्भर है। वे इसके लिए भी पूरी तैयारी करें।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार नई सिलिकोसिस नीति लेकर आई है, जिसमें इस गंभीर बीमारी के पीडि़तों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध करवाने के लिए कई मानवीय प्रावधान किए गए हैं। सिलिकोसिस के प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर एवं उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में सतर्कता समितियां गठित की जाएं। यह समितियां खान मालिक एवं नियोक्ता की जिम्मेदारी भी तय करेंगी कि वे श्रमिकों को उचित संसाधन एवं उपकरण उपलब्ध करवाएं। साथ ही ऐसी व्यवस्था शुरू की जाए, जिससे सिलिकोसिस रोगियों की उपखण्ड स्तर पर भी स्क्रीनिंग की जा सके। जिन जिलों में सिलिकोसिस के प्रकरण अधिक हैं, वहां टीबी एवं चेस्ट स्पेशलिस्ट तथा रेडियोलॉजिस्ट के पद जल्द भरे जाएं।
मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में सड़क दुर्घटना बीमा योजना के सरलीकरण एवं ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए एक पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्कूलों का भी सर्वे करवाया जाए, जहां दुर्घटनाओं की संख्या अधिक रहती है ताकि सरकार आवश्यक सुरक्षा उपाय कर सके। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार के प्रकरणों में पीडि़त को जल्द सहायता उपलब्ध करवाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृत्यु, दुर्घटना या अन्य स्थितियों में पीडि़तों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिलने वाली सहायता राशि समय पर उपलब्ध करवाएं। जिला कलेक्टर स्वयं इसकी मॉनीटरिंग करें। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरणों को सूचीबद्ध कर उनके जल्द निराकरण के प्रयास किए जाएं। राजस्व विभाग इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करे। साथ ही सभी जिला कलेक्टर मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप संवेदनशीलता, जवाबदेही एवं पारदर्शिता के साथ गुड गवर्नेंस दें।
पालनहार योजना के 2853 लंबित प्रकरणों में भी इस अवधि में करीब 2300 आवेदकों को लाभ मिल गया। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए दो माह में करीब 75 प्रतिशत आवेदकों के प्रमाण-पत्र जारी हो गए। पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के समय लम्बित 2 लाख 80 हजार 507 आवेदकों में से 2 लाख 9 हजार 735 आवेदकों को ईडब्ल्यूएस के प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए। सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरण के निस्तारण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई। दो माह में ही 15 फीसदी तक इन प्रकरणों का निस्तारण बढ़ गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशासनिक सुधार आर वेंक्टेश्वरन, प्रमुख शासन सचिव आयोजना अभय कुमार, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री सख्त नजर आए। उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र की रिपोर्ट जारी करने पर बरती गई लापरवाही पर हनुमानगढ़ नगर परिषद के आयुक्त के खिलाफ 16 सीसीए के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके साथ ही बिजली कनेक्शन देने मेें लापरवाही बरतने पर अरणोद के एईएन और एसई के खिलाफ भी 16 सीसीए के तहत कार्रवाई करने के साथ ही मुख्यमंत्री सहायता कोष से राहत देने में देरी करने पर अजमेर के सावर के तहसीलदार को निलंबित करने के आदेश दिए।