आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब ओल्ड एमआरईसी की बिल्डिंग को तोड़कर अफसरों के लिए फ्लैट बनाने की योजना को झटका लगा हो। जिस जमीन पर सरकार अफसरों के लिए मल्टीस्टोरी खड़ी करने की योजना बना रही थी वह जमीन सरकार के नाम है ही नहीं। एडीएम ने बताया कि जिस जमीन पर फ्लैट्स बनाए जाने की योजना बन रही है उसका कुछ हिस्सा जेडीए और कुछ एमआरईसी के नाम है। लेकिन जमीन का टाइटल विवादों में आने से पूरा मामला खटाई में पड़ गया।
यहां खड़े हो रहे सवाल – सूत्रों ने बताया कि भूमि सरकार की होगी व राशि भी सरकार लगाएगी। 6 में से 2 बहुमंजिला इमारतों का व्यावसायिक उपयोग करना सवाल खड़े कर रहा है। योजना को हरी झंडी देने में जल्दबाजी भी की। हड़बड़ी में जमीन के कागजात तक नहीं देखे।
योजना का खाका टाइप-1 से टाइप-4 की होगी बहुमंजिला इमारत करीब 289 फ्लैट बनेंगे
टाइप-1 का फ्लैट करीब 250 वर्ग फीट का होगा
टाइप -3 में करीब 2000 वर्ग फीट जगह होगी
टाइप-2 का फ्लैट 1500 वर्ग फीट में बनेगा
टाइप-4 का फ्लैट 1000 वर्ग फीट का होगा
टाइप-1 का फ्लैट करीब 250 वर्ग फीट का होगा
टाइप -3 में करीब 2000 वर्ग फीट जगह होगी
टाइप-2 का फ्लैट 1500 वर्ग फीट में बनेगा
टाइप-4 का फ्लैट 1000 वर्ग फीट का होगा