दरअसल, सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे देव नारायण महावर ने हाईकोर्ट भर्ती प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित स्टेनोग्राफर भर्ती की परीक्षा दी थी। इसके बाद उसका मेरिट में नंबर आया, इंटरव्यू और दस्तावेजों का सत्यापन भी हो गया। लेकिन रिवाइज रिजल्ट में उसको चयन से बाहर कर दिया। इससे हताश और निराश होकर उसने दौसा के नजदीक रेल पटरियों पर अपनी जान दे दी। उसका शव शुक्रवार सुबह रेलवे पटरियों के नजदीक मिला।
गणगौरी बाजार निवासी सूरज महावर ने बताया कि उनका बेटा हाईकोर्ट में निकली स्टेनोग्राफर भर्ती की कई महीनों से तैयारी कर रहा था। परीक्षा के बाद उसको चयन का विश्वास था। वह नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहा था। इसी बीच हाईकोर्ट भर्ती प्रकोष्ठ ने गुरुवार शाम को रिवाइज रिजल्ट जारी किया। जिसमें देवनारायण मेरिट से बाहर हो गया। देवनारायण की मां, पिता और दोनों बहनें पूरी रात उसका इंतजार करती रही। शुक्रवार सुबह करीब सात बजे उसके मोबाइल से अनजान ने कॉल करके बताया कि उसका मोबाइल, गाड़ी की चाबी, पर्स दौसा के नजदीक रेलवे पटरियों के पास मिला है। सूचना के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
इकलौटा भाई चला गया मृतक देवनारायण की बहन ने बताया कि गुरुवार शाम करीब सात बजे भाई घर आया था। उसने किसी से बात नहीं की। वह घर से चला गया। रात को सब लोग एक साथ खाना खाते हैं उसका इंतजार करते रहे। रात करीबन साढ़े दस बजे उसको मैसेज किया तो जवाब आया। इसके बाद उससे कोई जवाब नहीं दिया।
सॉफ्टेवयर कंपनी की गलती हाईकोर्ट, अधिनस्थ कोर्ट में स्टेनोग्राफर के 434 पदों के लिए भर्ती होनी है। परीक्षा के बाद जारी परिणाम को लेकर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया और याचिका दायर की। हाईकोर्ट भर्ती प्रकोष्ठ ने बीते दिनों माना कि सॉफ्टवेयर की गलती से परिणाम सही नहीं आया है। इसके बाद प्रशासन ने नए सिरे से परिणाम निकाला था।