ब्यूरो रिपोर्ट पत्रिका टीवी
बैठक के बाद गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार में बड़ी संख्या में उप सचिव और निदेशक पद रिक्त चल रही है। प्रदेश से केंद्र में प्रतिनियक्ति का कोटा 40 प्रतिशत है। फ़िलहाल प्रदेशों से 10 से 11 प्रतिशत ही अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्तियों पर भेजे जा रहे है। नियमों के मुताबिक 9 साल की सेवा के बाद ही आईएएस अधिकारी उप सचिव और 16 साल में निदेशक बनते है। उन्होंने कहा कि इसपर केंद्र की राय थी कि आईएएस अधिकारीयों के लिए केंद्र में एकबार प्रतिनियुक्ति पर आना अनिवार्य कर दिया जाए इसपर सभी राज्यों ने अपना विरोध दर्ज करवाया।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह अनिवार्य करना उचित प्रतीत नहीं होता है। प्रदेश सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा संख्या में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजे। हालाँकि प्रदेश फ़िलहाल अधिकारीयों की कमी से जूंझ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दिन प्रदेश में अधिकारीयों की उपलब्धता सरप्लस होगी उस समय केंद्र में भेजने पर कोई समस्या नहीं होगी।