scriptअधिकारियों पर केंद्र और राज्य की बीच रार | conflict between Central and state governments for the deputation | Patrika News

अधिकारियों पर केंद्र और राज्य की बीच रार

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2019 01:53:21 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

केंद्र मांग रहा राज्य से अधिकारीराज्य ने कमी बताते हुए किया इंकारमुख्य सचिव ने डीओपी की बैठक में बताई परेशानी

अधिकारियों पर केंद्र और राज्य की बीच रार

अधिकारियों पर केंद्र और राज्य की बीच रार

प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिनियिुक्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच खींचतान शुरू हो गई है। केंद्र सरकार जहां राज्यों से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के निर्देश दे रहा है, वहीं राज्य इस मामले में अपने यहां अधिकारियों की कमी की बात कह रहे हैं। आपको बता दे की केंद्र ने इस खींचतान के बीच अब अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को अनिवार्य करने की तैयारी कर ली है। जहां तक राजस्थान की बात करें तो राज्य के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने केंद्र सरकार की ओर से आयोजित बैठक में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजे जाने की बात कही है। यह बैठक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयों (आईएएस) के प्रदेश से केंद्र में प्रतिनियुक्तियों संबंधित मामलों पर प्रत्येक वर्ष केंद्र की ओर से आयोजित की जाती है।
आपको बता दे की केंद्र के साथ-साथ प्रदेश में भी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की भारी कमी है। इसके कारण चालीस फीसदी का कोटा होने के बाद भी राज्य सरकारों की ओर से केंद्र में दस फीसदी तक ही अधिकारी भेजे जाते है। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार में खींचतान की स्थिति बनी रहती है।
ब्यूरो रिपोर्ट पत्रिका टीवी
अनिवार्य प्रतिनियक्ति का होगा विरोध
बैठक के बाद गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार में बड़ी संख्या में उप सचिव और निदेशक पद रिक्त चल रही है। प्रदेश से केंद्र में प्रतिनियक्ति का कोटा 40 प्रतिशत है। फ़िलहाल प्रदेशों से 10 से 11 प्रतिशत ही अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्तियों पर भेजे जा रहे है। नियमों के मुताबिक 9 साल की सेवा के बाद ही आईएएस अधिकारी उप सचिव और 16 साल में निदेशक बनते है। उन्होंने कहा कि इसपर केंद्र की राय थी कि आईएएस अधिकारीयों के लिए केंद्र में एकबार प्रतिनियुक्ति पर आना अनिवार्य कर दिया जाए इसपर सभी राज्यों ने अपना विरोध दर्ज करवाया।
सरप्लस होंगे अधिकारी, तब भेज सकते हैं
मुख्य सचिव ने कहा कि यह अनिवार्य करना उचित प्रतीत नहीं होता है। प्रदेश सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा संख्या में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजे। हालाँकि प्रदेश फ़िलहाल अधिकारीयों की कमी से जूंझ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दिन प्रदेश में अधिकारीयों की उपलब्धता सरप्लस होगी उस समय केंद्र में भेजने पर कोई समस्या नहीं होगी।

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