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बिहार में राज्यसभा सीटों पर एनडीए में घमासान

locationजयपुरPublished: Mar 08, 2020 12:16:32 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

पांच राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को चुनावपांच में से तीन सीटें जा सकती है एनडीए के खाते में

बिहार में राज्यसभा सीटों पर एनडीए में घमासान

बिहार में राज्यसभा सीटों पर एनडीए में घमासान

बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों को लेकर एनडीए में घमासान शुरू हो गई है। इन सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है। भाजपा के दो और जदयू के तीन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है, जिसके चलते ये चुनाव हो रहे हैं। मौजूदा समीकरण के लिहाज से इन पांच सीटों में से एनडीए के खाते में तीन जाएंगी जबकि दो सीटें आरजेडी और उसके सहयोगी दलों के खाते में जा सकती है। ऐसे में बिहार की सत्ता पर काबिज बीजेपी और जेडीयू दुविधा में फंसी हुई हैं।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, कहकशां परवीन, रामनाथ ठाकुर जेडीयू कोटे से हैं, तो सीपी ठाकुर और आरके सिन्हा भाजपा के खाते से राज्यसभा सदस्य हैं। मौजूदा सदस्यों के आंकड़ों को देखें तो भाजपा के खाते में महज एक सीट आ सकती है तो जेडीयू के खाते में 2 सीटें और बाकी 2 सीटें आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के खाते में जाने की संभावना है। ऐसे में जेडीयू और भाजपा के कई नेताओं की राह मुश्किल नजर आ रही है। भाजपा के दिग्गज आरके सिन्हा और डॉ सीपी ठाकुर अपनी-अपनी दावेदारी मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं और दोनों की आरएसएस में मजबूत पकड़ है। ऐसे में इन दोनों में से किसे नजरअंदाज करे और किसे दोबारा भेजे, इस संकट में भाजपा उलझी हुई है।
जनसंघ से जुड़े आरके सिन्हा ने लोकसभा चुनाव में भी पटना साहिब सीट से दावेदारी पेश की थी, लेकिन रविशंकर प्रसाद के मैदान में उतरने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया था। बिहार में कायस्थ समुदाय भाजपा का मजबूत वोटबैंक माना जाता है। पिछले साल तक कायस्थ समुदाय के दो राज्यसभा सदस्य बिहार से थे, जिनमें आरके सिन्हा और रविशंकर प्रसाद शामिल थे। लोकसभा चुनाव में रविशंकर प्रसाद जीतकर लोकसभा पहुंच गए और अब सिन्हा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वहीं सीपी ठाकुर भी भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं और भूमिहार समुदाय से आते हैं। भूमिहार समुदाय भी बीजेपी का मजबूत वोटबैंक माना जाता है।
भाजपा ही नहीं बल्कि जेडीयू में भी बेचैनी बढ़ी हुई है। जेडीयू से हरिवंश सिंह, कहकशां परवीन और रामनाथ ठाकुर का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हरिवंश सिंह राज्यसभा में उप सभापति हैं और पार्टी उन्हें अगर दोबारा नहीं भेजती है तो जेडीयू के कोटे से यह महत्वपूर्ण पद निकल जाएगा। इसके अलावा बाकी दो राज्यसभा सीटों पर अतिपिछड़े समुदाय से आने वाले कहकशां परवीन और रामनाथ ठाकुर हैं, जो जेडीयू का मजबूत वोटबैंक माना जाता है। ऐसे में अब देखना होगा कि पार्टी इनमें से किसे दोबारा से भेजती है या फिर नहीं।
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