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उधेड़बुन दूर करने के लिए बनाएं बाउंडरीज

locationजयपुरPublished: Jul 31, 2019 03:49:07 pm

Submitted by:

Archana Kumawat

अपने आने वाले समय को बेहतर बनाने के लिए दिमाग में उठने वाली खलबली को मिटाना होगा

सबसे पहले बाउंडरीज सेट करें
अ च्छी तरह से विचार-विमर्श करने के बाद घर और ऑफिस के लिए कुछ स्पष्ट बाउंडरीज सेट करें। इसमें आप काम के डेडलाइन सेट कर सकते हैं। इसके अलावा डिनर टेबल पर क्लाइंट्स, कलीग्स या किसी तरह की मीटिंग के बारे में चर्चा न करें। हालांकि हम अपनी वर्किंग लाइफ को परिवार से एवं परिवार की बातें कलीग्स से शेयर करते हैं लेकिन यह सब सीमित ही होना चाहिए।

लेखन से विचारों को स्पष्ट करें
अ गर आप किसी तरह से असमंजस में हैं तो अपने विचारों को एक कागज पर लिखें। इस तरह आप वर्किंग एवं पर्सनल लाइफ, दोनों में ही जगह की निष्फलता को बाहर निकालकर अपनी बाउंडरीज को क्लीयर कर सकते हैं। दरअसल, जब मस्तिष्क एवं बॉडी अत्यधिक वर्क करते हंै तो मानसिक थकान एवं निराशा बढ़ जाती है। ऐसे में अपने विचारों को किसी कागज पर लिखने से आप नकारात्मकता से बाहर निकल सकते हैं। साथ ही आपको यह भी अहसास होगा कि इस तरह के विचारों की वजह से आप मुख्य लक्ष्यों से दूर हो रहे हैं। लेखन से आप माइंड को क्लियर करने के साथ ही ज्यादा एक्टिविट भी बना सकते हैं। विचारों में क्रिएटिविटी भी बढ़ती है। वहीं यदि आप नकारात्मक विचारों को किसी व्यक्ति से शेयर करेंगे तो आपकी नकारात्मक छवि बनेगी। इससे तनाव कम होने की बजाय बढ़ सकता है।

माइंडफुल हो हर काम

हर एक एक्टिविटी के लिए माइंडफुल होना जरूरी है। यदि आप कोई काम कर रहे हैं तो आपका माइंड उसी पर फोकस होना चाहिए। वहीं जब आप परिवार के साथ समय बिता रहे हो तो वर्किंग दिमाग में नहीं आनी चाहिए। दरअसल, दिमाग को एकाग्रचित करके ही माइंड को हेल्दी रखा जा सकता है। वहीं दिमाग में कई सारे विचारों की आवाजाही वर्किंग और पर्सनल लाइफ, दोनों पर नकारात्मक असर डालती हैं।

ज्यादा मेलजोल ठीक नहीं
क ई बार लोग बेवजह की बातों से ही परेशान रहने लग जाते हैं। ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है, जो बहुत भावुक होते हैं। इस तरह की स्थिति से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपने लक्ष्यों और बाउंडरीज को एक कागज पर लिख कर रखें। जब भी तनाव में हों, उस कागज को देखें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और अपने टारगेट पर फोकस कर पाएंगे। अनावश्यक विचारों और भावनाओं से दिमाग पर दबाव डालने की बजाय उन्हें तुरंत प्रभाव से बाहर निकाल दें।

कुछ कंपार्टर्मेंट बनाएं
अ पनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए लाइफ को बैलेंस रखना होगा। इसके लिए अपनी दिनचर्या को छोटे-छोटे कंपार्टर्मेंस में बांट लें। ऑर्गेनाइज्ड माइंड से ही आप घर एवं ऑफिस को ऑर्गेनाइज्ड कर सकते हैं। इस तरह जब आप सभी कामों को व्यवस्थित तरीके से करेंगे तो आपको तनाव नहीं होगा और पर्सनल लाइफ के लिए भी समय निकाल पाएंगे। साथ ही जरूरी कामों एवं हॉबीज के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। इसलिए अपने आप को प्रोफेशनल बनाएं और प्रोडक्टिव तरीके से काम करें।

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