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विधानसभा चुनाव में समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन में पेंच

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2018 01:35:08 pm

Submitted by:

firoz shaifi

क्षेत्रीय दलों की डिमांड से कांग्रेस नेता असंतुष्ट, गठबंधन की चर्चाओं से कांग्रेस के दावेदारों पर हड़कंप

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जयपुर। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समान विचार धारा वाले क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करने में जुटा पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अब विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में गठबंधन करने जा रहा है। तीन माह बाद राजस्थान सहित तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्रीय स्तर पर गठबंधन बनाए रखने की मजबूरी के चलते पार्टी इन राज्यों में समान विचारधारा वाले क्षेत्रीय दलों से गठबधन करने जा रही है।
इसी को लेकर मंगलवार को दिल्ली में राहुल गांधी वॉर रूम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लंबी बैठक भी हुई थी, जिसमें गठबंधन की कवायद को अमलीजामा भी पहनाया गया। बैठक में कांग्रेस के संगठन महामंत्री अशोक गहलोत, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे,पीसीसी चीफ सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, चारों सह प्रभारियों सहित पार्टी के कई केंद्रीय नेता भी शामिल हुए थे। राज्य विधानसभा चुनाव में किस क्षेत्रीय दल को कितनी सीटें दी जाएंगी, इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया।

गठबंधन में पेंच
वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। दरअसल राज्य में आधा दर्जन से ज्यादा क्षेत्रीय दल ऐसे हैं, जिनसे कांग्रेस केंद्र में गठबंधन करना चाहती है, इनमें प्रमुख रूप से बसपा, सपा, आरजेडी, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल सेक्यूलर,राकांपा और माकपा है।
हालांकि क्षेत्रीय दलों में केवल बसपा और माकपा ही ऐसे दल हैं, जिनका राज्य में ठीक-ठाक जनाधार है। 2008 के विधानसभा चुनाव में जहां से बसपा से 6 विधायक चुने गए थे वहीं माकपा के तीन विधायक चुने गए थे। समाजवादी पार्टी से एक विधायक चुना गया था।
2013 के विधानसभा चुनाव में केवल बसपा के ही तीन विधायक चुने गए थे। सूत्रों की माने तो क्षेत्रीय दल अपने लिए अपनी पसंद की सीटों की मांग कांग्रेस पार्टी से कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस के नेता खुश नहीं है।
बताया जाता है कि क्षेत्रीय दलों की ओर से गठबंधन के तहत जिन सीटों पर दावेदारी जताई जा रही है, वो सीटें कांग्रेस का गढ़ रही हैं। पूर्व में पीसीसी चीफ सचिन पायलट राज्य में किसी भी दल से गठबंधन करने की बात के इनकार कर चुके हैं, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों के चलते अब पार्टी को गठबंधन करना पड़ रहा है।

कांग्रेस के दावेदारों में हड़कंप
वहीं दूसरी ओर समान विचारधारा वाले क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की चर्चाओं से कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। दावेदारों को डर है कि जिस सीट पर वे पिछले साढ़े चार साल से भागदौड़ कर रहे हैं, वो सीट क्षेत्रीय दलों के कोटे में न चली जाए? इसे लेकर मंगलवार को दिन भर कांग्रेस राजनीतिक गलियारों में यही कयास लगते नजर आए कि कौनसी सीट क्षेत्रीय दलों के खाते में जा सकती है।
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