पड़ौसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात में क्रीमियन कांगो हेमेरेजिक फीवर बीमारी (सीसीएचएफ) फैलने का खतरा बढ़ गया है.पाकिस्तान में कोहराम मचा चुका कांगो फीवर ने गुजरात,मध्यप्रदेश में भी दस्तक दे दी है.पश्चिमी राजस्थान के जिलों में मरीजों सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है. एक ओर जहां विभाग ने संबंधित जिलों में अपनी टीम भेज दी हैं, वहीं लोगों से भी इन बीमारियों को लेकर जागरुक रहने को कहा गया है.
सीसीएचएफ से पाक के सिंध प्रांत में अब तक कई रोगी सामने आए हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है
क्या लक्षण है बुखार के
बात करें बुखार के लक्षणों की तो सबसे पहले तेज बुखार, जी मिचलाना, सिरदर्द, मसल्स, गर्दन और पीठ में दर्द होता है. इसके बाद उल्टी-दस्त, पेटदर्द और गले में खराश होने के बाद ब्लीडिंग होने लगती है.
आपको बता दे इस बीमारी का अभी तक कोई टीका नहीं बना है.यह एक वायरस जनित बीमारी है.इसका वायरस हायलोमा चींचड़ के शरीर पर रहता है जो पशुओं पर चिपकी रहती है.
कांगो बुखार एक विषाणुजनित रोग है. यह वायरस पूर्वी एवं पश्चिमी अफ्रीका में बहुत पाया जाता है. यह वायरस सबसे पहले 1944 में क्रीमिया नामक देश में पहचाना गया. फिर 1969 में कांगो में रोग दिखा तभी इसका नाम सीसीएचएफ (Crimean-Congo hemorrhagic fever ) पड़ा. फिर 2001 में पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका में भी इसका प्रकोप बढ़ा. ये रोग पशुओं के साथ रहने वालों को आसानी से हो जाता है, हिमोरल नामक परजीवी इस रोग का वाहक है.इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ एवं कुत्ता आदि जानवरों को पालते हैं या उनके संपर्क में रहते है