इन बिलों का विरोध करने और कृषि से जुड़े वर्गों की सहानुभूति बंटोरने के लिए कांग्रेस एक पखवाड़े के कार्यक्रम तय करते हुए सभी राज्य ईकाइयों को विभिन्न टास्क दिए गए हैं। 24 सितंबर से लेकर 10 अक्टूबर सभी राज्य के प्रदेशाध्यक्षों और प्रदेश प्रभारियों को टास्क दिया गया है।
ये रहेंगे कार्यक्रम
सूत्रों की माने तो प्रदेश प्रभारी अजय माकन 24 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता करेंगे। उनके साथ पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद 28 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से लेकर राजभवन तक प्रदेश कांग्रेस का पैदल मार्च होगा।
पैदल मार्च के बाद राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा। वहीं 2 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस किसान मजदूर दिवस मनाएगी। 2 अक्टूबर को विधानसभा क्षेत्रों और जिला मुख्यालयों पर कृषि विधेयकों के खिलाफ धरने प्रदर्शन भी होंगे। 10 अक्टूबर को जयपुर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस किसान सम्मेलन आयोजित करेगी। गौरतलब है कि सोमवार को भी कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन सौंपे थे।
किसान वोट बैंक पर नजर
सूत्रों की माने तो कृषि अध्यादेशों को लेकर एक पखवाड़े तक विरोध प्रदर्शन के निर्णय के पीछे किसान वोट बैंक है। प्रदेश की बात करें तो यहां वर्तमान में चल रहे ग्राम पंचायतों के साथ ही आगामी समय में पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव भी हैं ऐसे में इस मुद्दों के जरिए कांग्रेस किसान वर्ग की सहानुभूति बंटोरकर उन्हें अपने पाले में लाना चाहती है।