हालांकि कांग्रेस के अग्रिम संगठनों युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस की ओर से जरूर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ी कीमतों के विरोध में प्रदेश भर में प्रदर्शन किए गए हों, लेकिन प्रदेश कांग्रेस इससे पूरी तरह परहेज कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के मुखिया, मंत्री-विधायक औऱ पदाधिकारी ट्वीट करके औऱ सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इतिश्री कर लेते हैं, जबकि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ी कीमतों से आम जनता त्रस्त है। पेट्रो पदार्थों की लगातार बढ़ रही कीमतों के बावजूद प्रदेश कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा आंदोलन नहीं छेड़े जाने की चर्चा इन दिनों सियासी गलियारों में खूब है।
सियासी गलियारों में चर्चा इस बात है कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस आमजन से जुड़े मुद्दे हैं इन मुद्दों पर आंदोलन करने पर पार्टी को आमजन का भी समर्थन मिल सकता है, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकार केवल किसान आंदोलन पर ही मंथन करने में व्यस्त हैं।
आंदोलन से परहेज की एक वजह ये भी
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की लगातार कीमतें बढ़ने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा आंदोलन नहीं करने की एक वजह ये भी है कि पड़ौसी राज्यों के मुकाबले पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे ज्यादा राजस्थान में हैं।
ऐसे में अगर कांग्रेस पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें कम करने की मांग को लेकर कोई बड़ा आंदोलन करती है तो विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर पेट्रोल-डीजल पर लगा वैट कम करने का दबाव राज्य पर सरकार पर बना सकता है, ऐसें कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से पेट्रो पदार्थों की कीमतों के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन करने से परहेज इसलिए किया जा रहा है कि जिससे विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका नहीं मिल पाए।