गौरतलब है कि भाजपा विधायक दाल की बैठक में अवैध खनन का मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाये जाने को लेकर सहमति बनी थी। लेकिन आज जब खनन मंत्री ने सदन के समक्ष एक ही अवधि के दौरान पूर्ववर्ती सरकार से तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत किये तब विपक्ष पूरी तरह से मौन नज़र आया।
मंत्री ने आंकड़ों के आधार पर दी ‘पटखनी’!
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि जहां बीते 2 वर्ष 9 माह के कार्यकाल में मौजूदा सरकार ने कुल अवैध खनन के 32 हज़ार 500 प्रकरण दर्ज किये हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान इसी अवधि में सिर्फ 12 हज़ार 439 प्रकरण ही दर्ज़ हुए। इसी तरह से इस सरकार ने जहां 2 हज़ार 639 एफआईआर दर्ज किए, वहीं पूर्ववर्ती सरकार में 2 हज़ार 30 एफआईआर ही दर्ज़ हुईं।
इस सरकार ने जहां अवैध खनन में इस्तेमाल 32 हज़ार 529 वाहनों और मशीनों को जप्त किया वहीँ पूर्ववर्ती सरकार ने 10 हज़ार 441 वाहन-मशीनें जप्त हुए। पेनल्टी जहां इस सरकार में 236 करोड़ रूपए लगाई गई वहीं इसी कार्यकाल के दौरान पूर्ववर्ती सरकार ने 75 करोड़ रूपए की ही पेनल्टी वसूल की।
मंत्री भाया ने बजरी खनन को लेकर अलग से भी तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किये। उन्होंने कहा जहां मौजूदा सरकार ने इस कार्यकाल की अब तक की अवधि में 23 हज़ार 391 प्रकरण दर्ज़ किये वहीं पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ 5 हज़ार 670 प्रकरण ही दर्ज किये। इस सरकार ने जहां 2 हज़ार 178 एफआईआर दर्ज की तो पूर्ववर्ती सरकार में सिर्फ 634 एफआईआर ही दर्ज की गई। इसी तरह से वाहन और मशीन जप्ती और पेनल्टी वसूली में भी मौजूदा सरकार के आंकड़े एक ही समायावधि में पूर्ववर्ती सरकार से ज़्यादा बने हुए हैं।
मंत्री भाया ने ये भी बताया कि इसी समयावधि में राज्य सरकार के जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग ने साथ मिलकर 6 विशेष अभियान चलाये हैं जबकि इसी अवधि में पूर्ववर्ती सरकार ने आई दो ही अभियान चलाये हैं।
कार्रवाई को लेकर मंत्री ने किया आश्वस्त
खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने सदन से कहा कि सरकार अवैध खनन के खिलाफ सख्त और कृत संकल्पित है। वहीं उन्होंने विधायक अर्जुन लाल जीनगर के कपासन विधानसभा क्षेत्र में अवैध बजरी खनन को लेकर पूछे गए मूल प्रश्न के जवाब में आश्वस्त किया कि यदि किसी तरह की अवैध खनन की शिकायत है तो उन्हें भी जांच करवाकर दूर किया जाएगा।