देवनानी ने कहा कि डोटासरा किताबों में आजादी के बाद का आंदोलन पढ़ाने की बात कहते है। इस पर देवनानी ने डोटासरा से सवाल किया कि जब आजादी के बाद का आंदोलन पढ़ाया जा सकता है, तो आजादी के पहले के आंदोलन के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देने से परहेज क्यों किया जा रहा है? देवनानी ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने ने स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और वीर सावरकर जैसे महापुरूषों की जीवनी को जोड़ा है। लेकिन कांग्रेस सरकार इन महापुरूषों की जीवनी से भावी पीढ़ी को अनभिज्ञ रखना चाहती है।