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विधानसभा सत्र से ऐन पहले कांग्रेस-BSP विलय मामले में सुनवाई, कहीं गड़बड़ा ना जाए सरकार का गणित ?

locationजयपुरPublished: Jul 31, 2020 11:45:36 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

याचिकाकर्ता भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इस विलय को असंवैधानिक करार देते हुए बसपा चुनाव चिन्ह से जीते 6 विधायकों को वोटिंग के लिए अयोग्य ठहराए जाने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।

Congress-BSP MLA merger matter in High Court, latest update
जयपुर।

प्रदेश में गहलोत और पायलट गुट के विधायकों की अलग-अलग बाडेबंदी के बीच सभी की निगाहें कांग्रेस में बसपा विधायकों के विलय सम्बन्धी याचिका पर हाईकोर्ट के रुख पर टिकी हुई हैं। दरअसल, विधानसभा सत्र से ठीक पहले हाईकोर्ट को इस याचिका पर सुनवाई करनी है, ऐसे में हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश सत्र के दौरान सरकार के प्रस्तावित बहुमत परीक्षण के गणित की दशा और दिशा तय कर सकते हैं।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इस विलय को असंवैधानिक करार देते हुए बसपा चुनाव चिन्ह से जीते 6 विधायकों को वोटिंग के लिए अयोग्य ठहराए जाने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। याचिका की सुनवाई करते हुए फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
जवाब तैयार कर रहे विधानसभा अध्यक्ष
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा स्पीकर हाईकोर्ट से मिले नोटिस का जवाब देने की कवायद में जुटे हुए हैं। वे अपनी लीगल टीम में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ताओं से राय-मशवरा लेकर जवाब तैयार करवा रहे हैं। जानकारी में सामने आया है कि विधानसभा स्पीकर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अधिवक्ता देवीदत्त कामत और अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल के संपर्क में हैं।
सुनवाई इसलिए है महत्वपूर्ण
दरअसल, हाईकोर्ट ने इस मामले में विधानसभा स्पीकर और 6 विधायकों को नोटिस जारी करते हुए 11 अगस्त को जवाब पेश करने को कहा है। इस दिन सुनवाई होने के ठीक अगले दिन यानी 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी है, जिसके कारण हाईकोर्ट में अवकाश रहेगा। इसके बाद बस एक दिन यानी 13 अगस्त ही कार्यदिवस रहेगा। 14 अगस्त को तो विधानसभा सत्र ही शुरू हो जाएगा। ऐसे में हाईकोर्ट का इस मामले पर रुख बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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