आज दोपहर सीकर से कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष महरिया, जयपुर शहर से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल, टोंक सवाई माधोपुर से नमोनारायण मीणा, भरतपुर से अभिजीत जाटव, धौलपुर-करौली से संजय जाटव, अलवर से भंवर जितेंद्र सिंह, बीकानेर से मदनलाल मेघवाल, गंगानगर से भरत मेघवाल, झुंझुनूं से श्रवण कुमार और बाड़मेर से कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह आज अपनी हार की कारणों को आला नेताओं के साथ साझा करेंगे।
इससे पहले इससे पहले सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी सविता मीणा, बद्रीराम जाखड़, रामपाल शर्मा, प्रमोद शर्मा, देवकीनंदन गुर्जर उर्फ काका, राम नारायण मीणा, ताराचंद भगोरा, रतन देवासी, कृष्णा पूनिया और वैभव गहलोत ने हार के कारणों का फीडबैक दिया।
गिनाए हार के प्रमुख चार कारण
सूत्रों के मुताबिक पहले फीडबैक के पहले दिन ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपनी हार के लिए चार प्रमुख कारण गिनाए। इनमें पार्टी के भीतर फैली गुटबाजी, दूसरा स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का सहयोग नहीं करना, तीसरा संगठन में बूथ स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर पर कमजोरी और चौथा कांग्रेस नेताओं का पर्दे के पीछे से अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम करना प्रमुख कारण बताए हैं। हालांकि इस दौरान प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और सह प्रभारी विवेक बंसल ने वन टू वन मुलाकात में प्रत्याशियों की ओर से कही जा रही बातों बिना कोई प्रतिक्रिया दिए प्रत्याशियों को अपनी रिपोर्ट लिखित में देने को कहा।
निर्दलीय विधायकों को नहीं मिले अहमियत
सूत्रों के मुताबिक फीडबैक के दौरान तीन प्रत्याशियों ने निर्दलीय विधायकों को पार्टी में ज्यादा तवज्जो नहीं देने की मांग की, प्रत्याशियों का कहना था कि पहले तो इन नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया फिर अब समर्थन के नाम पर सरकार में मलाई खा रहे हैं, इनके स्थान पार्टी के विधायकों को प्राथमिकता मिलना चाहिए।