इससे पहले अगस्त 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यहां से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए थे। जून 2019 में भाजपा के राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन होने के चलते यह सीट खाली हुई थी। इस सीट पर मनमोहन सिंह के राज्यसभा सांसद बनने के साथ ही कांग्रेस पार्टी का भी संसद में खाता खुला था, इससे पहले राज्यसभा की सभी 10 सीटों और लोकसभा की सभी 25 सीटों पर भाजपा का कब्जा था। अब शुक्रवार को दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की संख्या तीन हो गई है।
2022 में भी रहेगा कांग्रेस का पलड़ा भारी
राज्यसभा के लिए 2022 में होने वाले चुनाव भी कांग्रेस का पलड़ा भारी रहने के आसार हैं। प्रदेश में जुलाई 2022 में राज्यसभा की चार सीटें खाली होंगी, संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस के खाते में तीन और एक सीट भाजपा के खाते में जा सकती है, ऐसे में जहां जून 2019 में जहां कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं थी वहीं 2022 में 6 सीटों पर कांग्रेस कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा। वहीं भाजपा को 6 सीटें गंवाने का झटका लगेगा।
2022 में इन राज्यसभा सांसदों की होंगी सीटें खाली
जुलाई 2022 में जिन चार भाजपा सांसदों की सीटें खाली होंगी, उनमें ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर हैं।