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ठंडे बस्ते में कांग्रेस की कॉर्डिनेशन कमेटी, क्या नए सिरे से होगा गठन ?

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2020 09:48:49 am

Submitted by:

firoz shaifi

-सात माह से नहीं हुई कांग्रेस कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक, कमेटी के सदस्य अविनाश पांडे और सचिन पायलट के स्थान पर नए नामों की चर्चा, सत्ता और संगठन में तालमेल बनाए रखने के लिए आलाकमान ने बनाई थी कॉर्डिनेशन कमेटी

govind singh dotasara

govind singh dotasara

जयपुर। प्रदेश में सत्ता और संगठन मे तालमेल बनाए रखने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से इसी साल जनवरी माह में बनाई गई कांग्रेस कॉर्डिनेशन कमेटी बीते सात माह से ठंडे बस्ते में है। सात माह में एक बार भी कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है। कॉर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक 16 फरवरी को आयोजित हुई थी।

हालांकि इसी दौरान कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे की प्रदेश प्रभारी और कमेटी के सदस्य सचिन पायलट की पीसीसी चीफ पद से छुट्टी कर दी गई। वहीं कमेटी के एक अन्य सदस्य कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल लंबे समय से अस्पताल में एडमिट हैं। ऐसे में कार्डिनेशन कमेटी के पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चर्चा इस बात की भी है कि कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन नए सिरे से किया जा सकता है।

माकन-डोटासरा को मिल सकती है जगह
सूत्रों की माने तो कॉर्डिनेशन का अगर पुर्नगठन होता है तो कमेटी में अविनाश पांडे और सचिन पायलट की जगह प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को जगह मिल सकती है। इसके अलावा कमेटी के अन्य सदस्य मास्टर भंवर लाल मेघवाल, दीपेंद्र सिंह शेखावत और हेमाराम चौधरी के स्थान पर दूसरे विधायकों को शामिल किया जा सकता है।

ये सदस्य शामिल थे कॉर्डिनेशन कमेटी में
कॉर्डिनेशन कमेटी में अविनाश पांडे को चेयरमैन बनाया गया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, मंत्री मास्टर भंवरलाल घवाल, हरीश चौधरी, विधायक हेमाराम चौधरी, विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत और महेंद्र जीत सिंह मालवीय को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया था।

कमेटी के तीन सदस्य कर चुके हैं पार्टी से बगावत
वहीं कमेटी के तीन सदस्य सचिन पायलट, हेमाराम चौधरी और दीपेंद्र सिंह डेढ़ माह पूर्व पार्टी से बगावत कर सरकार को सियासी संकट में डाल चुके थे। हालांकि आलाकमान से वार्ता के बाद तीनों वापस पार्टी में लौट चुके हैं।

इसलिए बनी थी कमेटी
दरअसल प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही सत्ता और संगठन के बीच खींचतान और जुबानी जंग चलती आ रही थी। जिसकी शिकायतें लगातार आलाकमान तक पहुंच रही थी। खींचतान और बयानबाजी से आजिज आने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाए रखने के लिए इसी साल जनवरी माह में 8 सदस्यीय कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन किया था।

 

 

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