बैठक को सम्बोधित करते हुए पायलट ने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से दलित वर्ग को संरक्षण देना हमारी प्राथमिकता है और साथ ही साथ उन्हें पार्टी से और अधिक जोडऩे के लिए उनका विश्वास जीतना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में प्रदेश में जो माहौल बना है, वो ना सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि दलितों की सुरक्षा की दृष्टि से जो हालत उत्पन्न हुए है, वो बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि संविधान ने दलितों को जो कानूनी और मौलिक अधिकार दिया है, आज वो खतरे में है और जो ऐसा कर रहे है उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पायलट ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के पदचिन्हों पर चलने वाली ये भाजपा सरकार भूल गयी है कि आरएसएस के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान संविधान में आरक्षण पर पुन: विचार करने जैसी बात कही थी। उन्होंने कहा कि आज एक दलित वर्ग की विधायक कांग्रेस पार्टी में शामिल हुयी है और उन्होंने स्वयं कहा है कि भाजपा सरकार ने दलितों पर ना सिर्फ अत्याचार किए है, बल्कि सौतेला व्यवहार कर दलितों का शोषण किया है और दलितों की समस्याओं को अनदेखा किया है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेसजनों को इस दलित विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़े होना है और दलितों के मान-सम्मान एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी है।
बैठक में एआईसीसी सचिव व सहप्रभारी तरूण कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार में दलित वर्ग पर अत्याचारों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण की प्रतिरक्षा करने हेतु किए गए दलित वर्ग के प्रदर्शन में शामिल लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है, जो सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि विभाग के माध्यम से दलित वर्ग को कांग्रेस पार्टी के साथ अधिक से अधिक संख्या में जोडक़र आगामी चुनावों में विजयश्री दिलवानी है।
बैठक को विभाग के राष्ट्रीय सचिव रविन्द्र दलवी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान प्रदेश में अनुसूचित जाति विभाग को और अधिक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित समस्त विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जाति वर्ग के जिताऊ उम्मीदवारों के संबंध में फीडबैक लेकर विभाग के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।