राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे खनिज से बिगड़ते पर्यावरण में सुधार और अन्य विकास कार्यों को लेकर डीएमएफटी (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट) के तहत राशि एकत्रित की जा रही है। वर्ष 2016 से जुटाई जा रही इस राशि में अब तक करीब 2500 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। पहले इस राशि को खर्च नहीं किया गया। लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में बड़े पैमाने पर कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान खान विभाग में डीएमएफटी के तहत करीब 1500 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत हुए, लेकिन करीब 1000 करोड़ के कार्य में आचार संहिता के चलते वित्तीय स्वीकृतियां जारी नहीं हो सकी। अधिकांश भाजपा विधायक और भाजपा जनप्रतिनिधियों के कहने पर स्वीकृत हुए थे। उस वक्त कांग्रेस के लोगों के प्रस्तावों पर कोई ध्यान नहीं दिया था। प्रदेश की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने उन सभी स्वीकृत कार्यों पर रोक लगा दी है, जिनमें वित्तीय स्वीकृतियां जारी नहीं हुई हैं।
स्कूल, अस्पताल, सडक़ और पानी
डीएमएफटी में खनिज क्षेत्र के आसपास विकास कार्य, पर्यावरण सुधार, वृक्षारोपण, सडक़ निर्माण, स्कूल व अस्पताल भवन, साफ व्यवस्था, पानी निकासी, चारदीवारी, पेयजल उपलब्धता सहित अन्य विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
डीएमएफटी में खनिज क्षेत्र के आसपास विकास कार्य, पर्यावरण सुधार, वृक्षारोपण, सडक़ निर्माण, स्कूल व अस्पताल भवन, साफ व्यवस्था, पानी निकासी, चारदीवारी, पेयजल उपलब्धता सहित अन्य विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
पुनरावलोकन का आदेश जारी
खान एवं भू विज्ञान विभाग के संयुक्त शासन सचिव बी.डी. कुमावत की ओर से हाल ही जारी आदेश में कहा गया है कि वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही इनका पुनरावलोकन किया जाए। जबकि वास्तविकता यह है कि अब यह सभी कार्य ठण्डे बस्ते में चले गए हैं। जिला स्तर पर डीएमएफटी कमेटियों में पहले कांग्रेस विचारधारा के लोगों को शामिल नहीं किया गया था। अब इनमें कांग्रेस सरकार सदस्यों का मनोनयन करने की तैयारी कर रही है।
खान एवं भू विज्ञान विभाग के संयुक्त शासन सचिव बी.डी. कुमावत की ओर से हाल ही जारी आदेश में कहा गया है कि वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही इनका पुनरावलोकन किया जाए। जबकि वास्तविकता यह है कि अब यह सभी कार्य ठण्डे बस्ते में चले गए हैं। जिला स्तर पर डीएमएफटी कमेटियों में पहले कांग्रेस विचारधारा के लोगों को शामिल नहीं किया गया था। अब इनमें कांग्रेस सरकार सदस्यों का मनोनयन करने की तैयारी कर रही है।
मांडलगढ़ में उपचुनाव से पहले 150 करोड़ के कार्य
भीलवाड़ा। राज्य सरकार की रोक के बाद अकेले भीलवाड़ा जिले में ही करीब 300 करोड़ के 1010 काम अटक गए हैं। भीलवाड़ा जिले में विधायकों ने अपने क्षेत्रों में 50 से 70 करोड़ के काम स्वीकृत कराए थे। भीलवाड़ा जिला प्रमुख शक्तिसिंह हाड़ा ने मांडलगढ़ से उपचुनाव लड़ा था। वहां करीब 150 करोड़ की स्वीकृतियां जारी हुई। हालांकि उनमें कई काम शुरू नहीं हुए। राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा डीएमएफटी में पैसा भीलवाड़ा जिले में इकत्रित होता है।
भीलवाड़ा। राज्य सरकार की रोक के बाद अकेले भीलवाड़ा जिले में ही करीब 300 करोड़ के 1010 काम अटक गए हैं। भीलवाड़ा जिले में विधायकों ने अपने क्षेत्रों में 50 से 70 करोड़ के काम स्वीकृत कराए थे। भीलवाड़ा जिला प्रमुख शक्तिसिंह हाड़ा ने मांडलगढ़ से उपचुनाव लड़ा था। वहां करीब 150 करोड़ की स्वीकृतियां जारी हुई। हालांकि उनमें कई काम शुरू नहीं हुए। राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा डीएमएफटी में पैसा भीलवाड़ा जिले में इकत्रित होता है।