भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मां—बेटे में और राज्य सरकार सीएम—डिप्टी सीएम में बंटी हुई है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बीच प्रतिस्पर्धा में ही एक साल बीत गया। कार्यक्रमों के दौरान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नदारद रहे और विकास के काम ठप हो गए।
सरकार अपने एक साल का जश्न किसान सम्मेलन करके मना रही है। जबकि उसने किसानों को वादा करके सिर्फ धोखा दिया है। कांग्रेस कर्जमाफी के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन कर्ज माफ होना तो दूर, किसानों को खाद लेने के लिए लाठियाँ खानी पड़ती है फिर भी समय पर खाद नहीं मिलती है। भाजपा सरकार के समय किसानों का 10 लाख रुपए तक का बीमा किया जाता था, लेकिन आज 25 लाख किसानों का बीमा कवर नहीं है।
प्रदेश के 27 लाख युवा बेरोजगारी भत्ते का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में स्टेट हाईवे पर टोल लगाकर, बिजली की दरों में फ्यूल चार्ज बढ़ाकर, पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त सेस लगाकर जनता पर अतिरिक्त बोझ लाद दिया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने केवल भाजपा सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं ही स्वीकार किया कि हमने 503 में से 119 वादे ही पूरे किये है यानि मात्र 25 प्रतिशत ही काम कर पाये हैं, जो कि किसी भी सरकार की विफलता को बताने के लिए काफी है।
पूनियां ने कहा कि सरकार को जश्न के बताय अपनी नाकामी और असफलताओं के लिए आत्मचिंतन करना चाहिए। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के कार्यों को 10 में से 10 नम्बर दे रहे है। जबकि मुख्यमंत्री स्वयं ही प्रदेश के मुखिया के तौर पर फेल साबित हुए है। प्रदेश में एक साल में लाख 76 हजार मुकदमें प्रदेश में दर्ज हुए हैं, विकास के काम ठप्प पड़े है, ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो रहा है। वे स्वयं ही विद्यार्थी और शिक्षक दोनों बनकर अपने मंत्रियों को नम्बर दे रहे हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने गहलोत सरकार पर जनता, मीडिया और विपक्ष की अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे धमकी देते है कि जो सरकार का प्रचार-प्रसार करेगा, उसे ही विज्ञापन मिलेगा। जवाहर कला केन्द्र में धारा 370 और नागरिकता संशोधन विधेयक पर होने वाले परिचर्चा और संगोष्ठी के कार्यक्रम को रद्द करवा दिया। एक अभिनेत्री की टिप्पणी पर उसकी गिरफ्तार करवा दिया। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत अमर्यादित टिप्पणी के दर्ज मुकदमों एवं देश के टुकडे़-टुकड़े की मांग करने वाली गैंग को वो अभिव्यक्ति की आजादी बताते है।