ईआरसीपी को लेकर आंदोलन छेड़ने की रूपरेखा तैयार करने के लिए आज मुख्यमंत्री आवास पर आज सत्ता और संगठन की एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पीसीसी पदाधिकारी और ईस्टर्न कैनल परियोजना के तहत आने वाले 13 जिलों के कांग्रेस नेताओं को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। दोपहर 1 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली बैठक में प्रदेश भर में फिर से इस मुद्दे को लेकर धरने-प्रदर्शन करने का फैसला लिया जाएगा।
6 जुलाई को प्रदेश भर में बड़े आंदोलन करेगी
कांग्रेस सूत्रों की माने तो प्रदेश में 6 जुलाई को कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर के सभी जिलों में ईआरसीपी के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करेगी और बीजेपी और केंद्र कि मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल करेगी। इससे पहले ईस्टर्न कैनल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने 13 अप्रैल को भी इस योजना के तहत आने वाले 13 जिलों में धरने प्रदर्शन किए थे।
चुनावी फायदे के रूप में देख रही है कांग्रेस
दरअसल ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी और केंद्र के नेताओं पर हमलावर है। इसकी वजह यही है कि कांग्रेस पार्टी इसे चुनावी फायदे के रूप में देख रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता खुलकर इस मुद्दे को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं और केंद्र सरकार की ओर से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने को लेकर किए गए वादे को याद दिलाते हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं कि ईस्टर्न केनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का बयान प्रधानमंत्री मोदी ने कभी नहीं दिया, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तमाम कांग्रेस नेता यह दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की घोषणा की थी। ऐसे में सरकार को अपनी घोषणा पर अमल करना चाहिए, इसी को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है।
ईआरसीपी वाले 13 जिलों में 86 सीटें
ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर चल रही सियासत के पीछे एक वजह यह भी है कि ईस्टर्न कैनल परियोजना के तहत आने वाले 13 जिलों में विधानसभा की 86 सीटें हैं और इन आधे जिलों में कांग्रेस मजबूत रही है। इसलिए ईस्टर्न कैनल के मुद्दे को उठाकर कांग्रेस इन जिलों में अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है।
इन 13 जिलों के लिए है ईआरसीपी योजना
वहीं ईस्टर्न कैनल परियोजना जिन 13 जिलों के लिए है उनमें अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ शामिल हैं।