मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान शनिवार को पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी के शिलान्यास को लेकर उन्होंने पीएम को पत्र लिखा है, जिसमें दोबारा इसके शिलान्यास की गलत परंपरा पर मंथन करने को कहा है। उनका कहना कि इस सिलसिले में पहले भी उन्होंने पीएम को खत लिखा था, लेकिन फिर जबकि कार्यक्रम बनने की बात सामने आ रही है तो दोबारा उन्होंने खत लिखकर पीएम को विचार करने के लिए कहा है।
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उनका कहना कि सितंबर 2013 में पूरे मंत्रोच्चार के साथ बाड़मेर रिफानरी का उद्घाटन यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुआ था। अब फिर उसी जगह पर दोबारा मंत्रोच्चार कर शिलान्यास करना सही नहीं कहा जा सकता है। सरकारें हमेशा से बदलती रहती है, लेकिन इस तरह गलत परंपरा की शुरुआत किसी भी पार्टी के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के मामले पर चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना कि प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं और आचार संहित लागू है। ऐसे में रिफाइनरी का शिलान्यास चुनाव को प्रभावित कर सकता है। जो कि इसका उल्लंघन है। गौरतलब है कि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और राजस्थान सरकार की संयुक्त परियोजना के तहत बाड़मेर में 4813 एकड़ जमीन पर रिफाइनरी कम पेट्रो-केमिकल्स कॉम्पलैक्स का निर्माण किया जा रहा है। परियोजना में एचपीसीएल की हिस्सेदारी 74 फीसदी और राजस्थान सरकार की 26 फीसदी है। कहा जा रहा है कि रिफाइनरी कम पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स 2021 में बन कर तैयार हो जाएगा। तो वहीं इस परियोजना पर 43 हजार करोड़ का खर्चा आएगा।
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