जानकारी के अनुसार अलवर शहर के एक निजी अस्पताल के संचालक ने फोन नहीं उठाया तो गुस्साई सभापति बीना गुप्ता अस्पताल पहुंच गईं और वहां जमकरहंगामा किया। सामने आया हुई कि सभापति बीना गुप्ता की कोई परिचित महिला मरीज अलवर के निजी अस्पताल में भर्ती है जिनका उपचार चल रहा था।
सभापति ने जब अस्पताल के संचालक डॉ हरीश गुप्ता को फोन किया, तो किन्हीं कारणों से उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इसपर सभापति कई पार्षदों के साथ अस्पताल पहुंच गईं और वहां पर रिसेप्शनिस्ट के साथ कथित धक्का-मुक्की की। इससे अस्पताल में हड़कंप का माहौल बन गया।
मौके पर मौजूद पुलिस ने भी सभापति से अस्पताल की व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया। इस घटनाक्रम से अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों में भी भय का माहौल पैदा हो गया।
कोई एफआईआर दर्ज नहीं
घाटना के सम्बन्ध में फिलहाल किसी भी पक्ष की ओर से थाने में कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को गंभीरता से लिया और सभापति को नोटिस देकर कहा कि कोरोना काल में कोविड हॉस्पिटल में ऐसी घटना को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
घाटना के सम्बन्ध में फिलहाल किसी भी पक्ष की ओर से थाने में कोई एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को गंभीरता से लिया और सभापति को नोटिस देकर कहा कि कोरोना काल में कोविड हॉस्पिटल में ऐसी घटना को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
ऐसे शुरू हुआ हंगामा
जानकारी के अनुसार हरीश हॉस्पिटल में भर्ती किसी मरीज को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ को लेकर सभापति बीना गुप्ता ने हॉस्पिटल के संचालक डॉ. हरीश गुप्ता को सुबह 7 बजे कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस बात से गुस्साई सभापति बीना गुप्ता सुबह करीब 11 बजे हरीश हॉस्पिटल पहुंची और रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी से बोली कि प्रभारी से बात कराओ। बात नहीं कराने पर सभापति ने रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी को पकडकऱ खींच लिया।
जानकारी के अनुसार हरीश हॉस्पिटल में भर्ती किसी मरीज को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ को लेकर सभापति बीना गुप्ता ने हॉस्पिटल के संचालक डॉ. हरीश गुप्ता को सुबह 7 बजे कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस बात से गुस्साई सभापति बीना गुप्ता सुबह करीब 11 बजे हरीश हॉस्पिटल पहुंची और रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी से बोली कि प्रभारी से बात कराओ। बात नहीं कराने पर सभापति ने रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी को पकडकऱ खींच लिया।
इस दौरान बीच-बचाव करने आए नर्सिंग स्टाफ से भी अभद्रता और हाथापाई कर दी। हंगामे की सूचना के बाद शहर कोतवाली थानाधिकारी राजेश शर्मा हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान सभापति ने पुलिस पर भी मिलीभगत के आरोप जड़े। पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला हुआ। इसके बाद सभापति वहां से रवाना हो गई।
”निजी अस्पताल में मरीजों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए उनके पास तीन-चार दिन से लगातार फोन आ रहे थे। एक मरीज के परिजनों का फोन आने पर वह अस्पताल पहुंची थी और हॉस्पिटल के स्टाफ बातचीत की और प्रभारी से बातचीत कराने को कहा था। उन्होंने अस्पताल में कोई हंगामा और हाथापाई नहीं की। वह जनता की सेवा के लिए गई थी।” – बीना गुप्ता, सभापति, अलवर नगर परिषद
”अस्पताल में कोविड मरीजों का बेहद गंभीरता से इलाज किया जा रहा है। व्यस्तता के चलते वह सभापति बीना गुप्ता का फोन नहीं उठा पाए। इस बात को लेकर सभापति ने हॉस्पिटल में आकर दो घंटे तक हंगामा किया। स्टाफ के साथ अभद्रता और हाथापाई की। जो कि सरासर गलत है। एक जनप्रतिनिधि का इस तरह का बर्ताव शोभा नहीं देता है।” – डॉ. हरीश गुप्ता, संचालक, हरीश हॉस्पिटल
”हरीश हॉस्पिटल में हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। समझाइश कर मामले को शांत करा दिया गया। इस सम्बन्ध में किसी भी पक्ष की ओर से थाने में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।” – राजेश शर्मा, शहर कोतवाल, अलवर