अलवर दौरे पर साधी रखी चुप्पी
रविवार को अलवर दौरे पर गए सचिन पायलट ने सियासी बयानबाजियों को लेकर चुप्पी साधे रखी। मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने सियासी बयानबाजी को लेकर कोई जवाब नहीं दिया। स्वागत कार्यक्रम में भी पाचलट केवल गाड़ी में बैठे बैठे ही अभिवादन स्वीकार करते रहे।
इधर सचिन पायलट की चुप्पी के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सचिन पायलट कैंप के विधायकों के बीच शुरू हुए बयानबाजी के दौर पर सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों ने ही चुप्पी साध रखी है।
सियासी बयानबाजी के दौरान बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने भी पायलट कैंप के विधायकों पर गद्दार होने के आरोप लगाए थे। इससे पहले भी सचिन पायलट के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
संवेदना जताने गए थे पायलट
रविवार को सचिन पायलट जयपुर से सुबह 11.30 बजे अलवर जिले की खेड़ली तहसील के सामुचे गांव पहुंचे जहां उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर शेर सिंह जाटव के घर जाकर संवेदना व्यक्त की और परिवार वालों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
इसके बाद दोपहर 1 बजे सचिन पायलट अलवर जिले की रैणी तहसील पहुंचे जहां राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा के घर गए और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की। पायलट यहां लगभग 25 मिनट रुके। यहां से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। रेवाड़ी से भिवाड़ी के बीच सचिन पायलट का 10 स्थानों पर स्वागत किया गया। जयपुर से अलवर जाते हुए कानोता, बस्सी, दौसा सहित कई स्थानों पर समर्थकों ने पायलट का स्वागत किया था।