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राहुल गांधी के इस बयान ने उड़ाई कांग्रेस नेताओं की नींद

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2018 12:51:49 pm

Submitted by:

firoz shaifi

महिलाओं के नाम पैनल में नहीं दिखे तो उस सूची को नहीं मिलेगी हरी झंडी

जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने की दो टूक बात कहकर महीनों से टिकट बंटवारे की कशमकश में लगे प्रदेश के सभी बड़े नेताओं की नींद उड़ा दी है।गुरूवार को सागवाड़ा में हुई कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी ने साफ कहा कि अगर महिलाओं के नाम पैनल में नहीं दिखे तो उस सूची को हरी झंडी नहीं मिलेगी।
राहुल गांधी की इस नसीहत से मंच पर बैठे लगभग सभी नेता मानो सकते में आ गये क्योंकि इन कांग्रेस नेताओं के पास प्रदेश में महिलाओं को टिकट देने को लेकर कोई ठोस जमीनी होमवर्क नहीं है।
सूत्रों की माने तो प्रदेश 200 में से करीब तीन दर्जन सीटों पर महिलाओं की मजबूत दावेदारी है, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी करीब चालीस सीटों पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना चाहता है लेकिन महिलाओं को कहां से टिकट दिया जाए इसे लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं के पास कोई जमीनी होमवर्क
नहीं है। अब इसे लेकर पिछले दो दिनों से बड़ें नेताओं के बीच मंथन चल रहा है।

नए सिरे से कवायद शुरू
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद बीते दो दिनों में महिलाओं दावेदारों को लेकर कवायद शुरू हो गई है। जानकारों की माने तो शुक्रवार को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, संगठन महामंत्री अशोक गहलोत सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा भी हुई है।
बताया जाता है कि सह प्रभारियों को भी कहा गया है कि वे महिला दावेदारी वाली सीटों पर पुनः मंथन कर रिपोर्ट सौंपें। साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी से भी महिला दावेदारों अलग से लिस्ट तैयार करने को कहा गया है।

पिछलें दो चुनावों में 23 व 24 टिकट का औसत
कांग्रेस ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में 23 और 2013 के विधानसभा चुनाव में 24 महिलाओं को टिकट दिया था। साल 2008 में 23 में से 13 महिला प्रत्याशी विधायक बनी थीं। 2008 में परमनवदीप सिंह, रीटा चौधरी, गंगादेवी, जाहिदा, ममता भूपेश, जकिया, नसीम अख्तर, मंजू मेघवाल, बीना काक, गंगादेवी गरासिया, सज्जन कटारा, कांता गरासिया और निर्मला गरासिया विधायक चुनी गई थीं जबकि वर्ष 2013 में सिर्फ शंकुतला रावत विजयी रही थीं, बाकी सभी 23 प्रत्याशी चुनाव हार गई थीं।

जयपुर में 28 वर्ष में सिर्फ 5 महिलाएं
कांग्रेस ने पिछले 28 वर्ष में जयपुर शहर में सिर्फ 5 महिलाओं को टिकट दिया है। इनमें साल 1990 में अरूणा गौड़, वर्ष 1993 में सुधा रैना, वर्ष 1998 और 2003 में इंदिरा मायाराम, वर्ष 2008 में गंगादेवी और वर्ष 2013 में अर्चना शर्मा के नाम शामिल हैं।

6 बनाए गए ब्लॉक अध्यक्ष
वहीं करीब 4 माह पहले कांग्रेस की ओर से 200 विधानसभा सीटों पर 400 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की गई थी, जिसमें से केवल 6 महिलाओं को ही ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी नेताओं के इस रवैये से महिला नेताओं में खासी नाराजगी देखी गई थी।

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