इसके बाद एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लोकसभा चुनाव तक टाल दिया गया था, जिसकी मांग अब फिर से उठने लगी है। पार्टी में तीन दर्जन नेता ऐसे हैं जो दो-दो पदों पर बने हुए हैं। ऐसे में इन नेताओं को एक पद से इस्तीफा देने के लिए कांग्रेस आलाकमान निर्देश दे सकता है माना जा रहा है कि निकाय चुनाव से पहले प्रदेश कार्यकारिणी के इन नेताओं में फेरबदल होना तय है। इसमें जो पदाधिकारी सत्ता और संगठन दोनों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उनसे संगठन की जिम्मेदारी वापस लेकर बेहतर काम करने वालों को उन पदों पर नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा नए लोगों को भी मौका दिया जा सकता है।
ये प्रदेश पदाधिकारी दो पदों पर प्रदेश कांग्रेस के 6 उपाध्यक्ष ऐसे हैं जो गहलोत सरकार में मंत्री हैं। इनमें पांच केबिनेट और एक राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार है। इनमें विश्वेन्द्र सिंह, मा.भंवर लाल मेघवाल, रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया और उदयलाल आंजना है, जबकि गोविंद सिंह डोटासरा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस के तीन उपाध्यक्ष विधायक हैं, इनमें खिलाड़ीलाल बैरवा, अशोक बैरवा और महेंद्र जीत सिंह मालवीय हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मुरारी लाल मीणा विधायक और महेंद्र चौधरी सरकारी उप मुख्य सचेतक हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस की सचिव जाहिदा खान, प्रशांत बैरवा, दानिश अबरार, अमीन कागजी, रोहित बोहरा, चेतन डूडी, कृष्णा पूनिया, इन्द्राज गुर्जर पार्टी के विधायक हैं। एक और सचिव अर्जुन बामनिया भी सरकार में राज्य मंत्री हैं।
जिलाध्यक्ष भी मंत्री
वहीं पार्टी के तीन जिलाध्यक्ष तो ऐसे हैं जो गहलोत सरकार में मंत्री हैं। इनमें जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास सरकार में परिवहन मंत्री हैं। जयपुर देहात के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह यादव भी सरकार में मंत्री है। कांग्रेस के अग्रिम संगठनों की बात करें महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज प्रदेश कांग्रेस में महामंत्री भी हैं। युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चांदना गहलोत सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। इसके अलावा कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष राकेश पारीक विधायक हैं।