scriptएग्जिट पोल सही साबित हुए तो प्रदेश में टूटेगा सत्ता का ट्रेंड | Congress leaders worry due to Exit poll | Patrika News

एग्जिट पोल सही साबित हुए तो प्रदेश में टूटेगा सत्ता का ट्रेंड

locationजयपुरPublished: May 22, 2019 12:09:06 pm

Submitted by:

firoz shaifi

पिछले तीन लोकसभा चुनावों से चली आ रही है परंपरा , राज्य में जिसकी सरकार उसे ही सबसे ज्यादा सीटें

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जयपुर। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद 19 मई को आए सभी एग्जिट पोल में जहां एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिखाई दी है, प्रदेश में भी भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें और कांग्रेस को 2 से 5 सीटें दी हैं। एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस नेता एग्जिट पोल को सिरे खारिज करते नजर आ रहे हैं, लेकिन अंदरखाने डर जरूर बना हुआ है।
वहीं एग्जिट पोल आने के बाद दोनों ही दलों के नेताओं के साथ ही राजनीतिक प्रेक्षकों के बीच भी चर्चा इस बात की है कि अगर 23 मई को एग्जिट पोल सही साबित हो गए तो प्रदेश में पिछले तीन लोकसभा चुनावों से चला आ रहा सत्ता का ट्रेंड टूटेगा जाएगा। इसे लेकर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई है। एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार राज्य की 20 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में जाती दिखाई दे रही है।

तीन लोकसभा चुनावों से चला आ रहा ट्रेंड
दरअसल राज्य में पिछले तीन लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां जिसकी भी सरकार रही है उसे ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिली हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार थी तो यहां भाजपा को 21 और कांग्रेस को चार सीटें मिली। इसी तरह 2009 में कांग्रेस की सरकार रही तो भाजपा को 4 और कांग्रेस को 20 सीटें मिली और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई।
वहीं 2014 में भी जब राज्य में भाजपा की सरकार थी तो तब प्रचंड मोदी लहर के चलते राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने क्लीन स्वीप कर सभी 25 सीटों पर कब्जा जमाया था। राज्य के लोकसभा चुनाव के इतिहास में ये पहला मौका था जब एक भी सीट पर कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। हालांकि बाद में अजमेर और अलवर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनावों में जरूर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।

बरकरार नहीं रख पाए विधानसभा चुनाव की लहर
प्रदेश में चार पांच माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को बेदखल कर सत्ता हासिल करने में कामयाबी तो हासिल की, लेकिन अपने चार माह के कार्यकाल के दौरान किसान कर्जमाफी और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता जैसे कदम उठाने के बावजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बरकरार नहीं रख पाई। हालांकि कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि कल आने वाला चुनाव चुनाव एग्जिट पोल के नतीजों के उलट होगा। वैसे भी इस बार कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

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