शर्मा ने कहा कि इस तरीके का असंतोष राजस्थान में पहली बार देखने को मिल रहा है। जहां सरकार खुद को बचाने के लिए काम कर रही है, ना की जनता को बचाने के लिए। राजस्थान की जनता कोविड की लड़ाई भी खुद लड़ रही है और राजस्थान में विकास शून्य हो चुका है। विकास की गति और पहिए बिल्कुल रुक चुके हैं। आने वाले समय में मुझे लगता है कि जनता का अहित होने वाला है और जनता के विकास के कार्य अवरुद्ध होने वाले हैं।
आपको बता दें कि कठूमर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा ने सरकार के मंत्रियों पर बहुत गंभीर और संगीन आरोप लगाए हैं। बैरवा ने दो बातें कहीं हैं। पहली कि उनकी विधानसभा क्षेत्र की 27 वर्षीय एक विधवा, जिसके 4 वर्ष का पुत्र है और वह भी अपनी विधवा मां के साथ रहती है। उसके ट्रांसफर के लिए सरकार के मंत्रियों के पास कई अर्जियां लगाई, लेकिन सरकार के मंत्रियों ने ट्रांसफर का काम भी नहीं किया। बैरवा ने दूसरा आरोप लगाया है कि मैं मुख्यमंत्री के पास सिर्फ इसलिए आया था, कि सरकार में मेरे काम होंगे और मेरी जनता के काम होंगे। लेकिन मुझे निराशा हाथ लगी।