उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस का अंतर्विरोध सामने आ ही गया। हेमाराम चौधरी का इस्तीफा इस बात का द्योतक हैं कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। सरकार के जहाज के पैंदे में सुराख हो गया है, इस्तीफे के बाद पानी भरना शुरु हो गया है। जहाज स्वत: ही कब डूब जाएगा पता नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाम की सरकार है काम की नहीं। कोरोना के प्रबंधन में सरकार विफल रही है। कांग्रेस में अधिनायकवाद इतना पनप गया कि वरिष्ठ विधायक की लगातार अनदेखी की गई और उन्हें मजबूरन अपना इस्तीफा देना पड़ा। चौधरी ने इस्तीफा सीधे स्पीकर को भेजा है। यह इस्तीफे का नाटक नहीं हैं। अध्यक्ष के पास उसे स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं है।