कांग्रेस विधायक ने कहा कि कोटा जिला परिषद में सीईओ रहते जिस अधिकारी के समय में एलईडी खरीद मामले में अनियमितता के मामले सामने आए थे उस अधिकारी को मुख्यमंत्री कार्यालय में लगाया गया है। कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि इसी माह मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव पद पर लगाए आरएएस अधिकारी जुगल किशोर मीणा 2015 से 2017 के बीच कोटा नगर परिषद के सीईओ थे।
इस दौरान जिला परिषद की ओर से सोलर एलईडी की खरीद में अनियमितता का मामला सामने आया था। इस मामले में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पंचायतों में रूटीन जांच के निरीक्षण में पंचायतों में गई और वहां उन्होंने पाया कि में मार्किंट में सोलर लाइट 900 रुपए की है और पंचायतों में सोलर लाइट 3000 में खरीदी गई है।
एसीईओ ने जब सीईओ को इसकी शिकायत की तो 10 माह तक कोई जांच ही नहीं और न ही कोई कार्रवाई। ये मामला जिला परिषद की बैठक में भी उठा था। इसके बाद विधायक ने तत्कालीन जिला प्रमुख के साथ एसीबी में मामला दर्ज कराया था।
विधायक ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर पंचायत राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह को शिकायत की थी। जिसके बाद मीणा के खिलाफ जांच शुरू हुई। हालांकि विधायक ने जांच पर भी असंतोष जताते हुए कहा कि जांच का स्वागत है, लेकिन बहुत देरी से हुई है जिसकी मुझे बहुत तकलीफ है। विधायक भरत सिंह पूर्व में पंचायत राज मंत्री भी रह चुके हैं।
30 लाख के क्रिकेट खरीद की भी जांच हो
सांगोद विधायक ने सांगोद पंचायत समिति में 30 लाख के क्रिकेट किट खरीदे गए, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला कि वो क्रिकेट किट कहां वितरित किए गए, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए, जिससे 30 लाख की वसूली हो सके और दोषी अधिकारी को सजा मिले। विधायक ने कहा कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक पंचायत राज विभाग में काम सही नहीं होगा।