सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा में हम खुद विश्वास प्रस्ताव लाएंगे। किसी भी विधायकों की जो शिकायत है उसे भी दूर किया जाएगा। किसी को कोई शिकायत हो तो चाहे अभी मिल ले या फिर बाद में मिल ले। विधायक दल की बैठक में सभी ने विधायकों ने हाथ खड़े कर एकजुटता दिखाई।
इससे पहले सचिन पायलट ने अपने संबोधन में सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद दिया। पूर्व पीसीसी अध्यक्ष के तौर पर 6 साल के कार्यकाल में मिले सहयोग के लिए भी पायलट ने सभी का आभार जताया।पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश में बीजेपी पर सरकार गिराने के षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा की अंग्रेजों की तरह फूट डालो राज करो की नीति है। हालांकि राजस्थान में यह षड्यंत्र विफल हो गया।
गहलोत-पायलट की गर्मजोशी के साथ मुलाकात
मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणु गोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुलाकात कराई। इस दौरान पार्टी के कई राष्ट्रीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।
पायलट मुख्यमंत्री निवास पर शाम करीब साढ़े 4 बजे पहुंचे। वहां सबसे पहले उनका स्वागत नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने किया। उसके बाद पायलट अंदर गए। वहां कक्ष के बाहर राष्ट्रीय महासचिव वेणु गोपाल इंतजार कर रहे थे। फिर दोनों साथ कक्ष के अंदर गए।
वहां पहले से प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे, एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला व अजय माकन मौजूद थे। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आए तो वेणु गोपाल ने गहलोत-पायलट के हाथ मिलवाए। दोनों ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया और साथ-साथ बैठे। यह मुलाकात करीब आधा घंटे चली।
भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो: सीएम गहलोत
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्वीट कर कहा कि हमें आपस में भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में जुटना है। कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी की लीडरशिप में डेमोक्रेसी को बचाने की है।
सीएम ने कहा कि पिछले एक माह में कांग्रेस में आपस में जो भी ना-इत्तेफाकी हुई है, उसे देश हित में, प्रदेश हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में भूल जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश में चुनी हुई सरकारों को एक-एक कर तोड़ने की साजिश चल रही है। जांच एजेंसियों और ज्यूडिशियरी का गलत इस्तेमाल हो रहा है। ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है।