इससे पहले आज मेरा बूथ मेरा गौरव के तहत शाहपुरा के शाही बाग पैलेस में विधानसभा क्षेत्र का बूथ प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, सह प्रभारी देवेंद्र यादव, जयपुर जिला प्रभारी रीटा सिंह, कोटपूतली विधायक व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र यादव सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं में मंच पर चढ़ने की बात को लेकर जमकर हंगामा हो गया। अफरा तफरी व हंगामे के बीच राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप चौधरी और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी आलोक बेनीवाल के समर्थक आपस में भिड गए और उनमें लात घूंसे चलने लगे। इस दौरान बेनीवाल समर्थक ज्यादा थे तो उन्होंने संदीप चौधरी को घेर लिया और हाथापाई करने लगे। इससे चौधरी के कपडे भी फट गए। बेनीवाल पूर्व उप मुख्यमंत्री कमला के पुत्र है और दो बार यहां से चुनाव लड चुके है लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी वहीं संदीप चौधरी भी इस विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे है, हंगामे और मार पिटाई की मुख्य वजह भी नेताओं की दावेदारी ही बन गई। कार्यकर्ताओं में करीब 10 मिनट तक आपस में मारपीट हुई। आक्रोशित माहौल व हंगामा देखकर कई नेता मंच से नीचे उतर गए बाद में वरिष्ठ नेताओं ने मामला शांत किया तथा सूचना पर शाहपुरा थाना प्रभारी मय जाप्ता मौके पर पहुच कर स्थिति को संभाली। इसके बाद कार्यक्रम सुचारु हुआ… हालांकि मारपीट की घटना के बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता कार्यक्रम छोडकर चले गए थे। इसके बाद कार्यक्रम सुचारू चला।
दूसरी घटना जयपुर शहर के किशनपोल विधानसभा सीट पर दावेदारी कर रहे अमीन कागजी और पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल के बीच हो गई। हुआ यूं कि कांग्रेस की ओर हर प्रदर्शन रखा गया था। किशनपोल विधानसभा का यह कार्यक्रम न्यूगेट पर सवेरे 11 बजे रखा गया गया था लेकिन अमीन कागजी ने 11 बजे से पहले ही पुतला फूंक दिया और पूर्व मेयर खंडेलवाल थोडी देर में पहुंची। जब उन्होंने देखा कि कार्यक्रम तो हो गया तो वे कागजी पर नाराज हो गई और जमकर खरी खरी सुना दी। यह दोनों नेता किशनपोल से टिकट मांग रहे हैै। अमीन कागजी पिछली बार यहां से चुनाव करीब नौ हजार से ज्यादा वोट से हार गए थे। अब की बार खंडेलवाल जोरदार दावेदारी कर रही है। इस वजह से इनमें खींचतान बढ गई। खंडेलवाल समर्थकों का कहना है कि अमीन कागजी सांगानेर के रहने वाले है उन्हें वहां से टिकट मांगना चाहिए और यहां वे पिछला चुनाव हार चुके है। जबकि कागजी समर्थकों का कहना है कि उनकी दावेदारी यहीं से रहेगी। कांग्रेस ने वर्ष 2008 में पूर्व विधायक महेश जोशी का टिकट काटकर अल्पसंख्यक नेता अश्क अली टांक और दूसरी बार 2013 में अमीन कागजी को टिकट दिया लेकिन दोनों ही बार कांग्रेस को यहां से हार का मुंह देखना पडा। इस बार चर्चा है कि कांग्रेस इस सीट से अल्पसंख्यक के बजाय किसी अन्य को मौका दे सकती है।