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सांसद के बयान पर कांग्रेस ने खोला भाजपा के खिलाफ मोर्चा

locationजयपुरPublished: Jan 20, 2021 07:26:32 pm

किसान आन्दोलन को लेकर दिए गए दौसा सांसद जसकौर मीणा ( Dausa MP Jaskaur Meena ) के विवादित बयान पर बवाल मच गया है।

जयपुर

किसान आन्दोलन को लेकर दिए गए दौसा सांसद जसकौर मीणा ( Dausa MP Jaskaur Meena ) के विवादित बयान पर बवाल मच गया है। जसकौर मीणा ने किसान आन्दोलन में खालिस्तानी होने की बात कही है जिस पर कांग्रेस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। जसकौर के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि किसानों के प्रति ऐसी संकीर्ण सोच भाजपा ही रख सकती है। किसानों के विरोधी और अंग्रेजों के पक्षधर रहे लोग इससे ज्यादा कुछ कह भी नहीं सकते। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह पर भी तंज कसते हुए कहा कि वो सत्ता के लालच और मोदी के डर से अपना साल 2013 में दिया गया बयान भूल गए हैं। जब उन्होंने कहा था कि हम सब किसानों के साथ हैं। डोटासरा ने पूछा कि आखिर अब राजनाथ सिंह की कथनी और करनी में इतना अंतर कैसे आ गया।

नहीं सुनना भाजपा की रीति

पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा का विजन केवल राज करना है और एक बार चुन लिए जाने के बाद किसी की भी नहीं सुनना भाजपा की रीति है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति जसकौर मीणा की ऐसी घटिया सोच को लेकर अब प्रदेश के लोगों को शर्मिन्दगी हो रही है कि उन्होंने ऐसे लोगों को एमपी और एमएलए बना दिया। डोटासरा ने कहा कि अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाले लोग इससे ज्यादा कुछ कह भी नहीं सकते। इतिहास इन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा और जनता भी इस बात की इंतजार कर रही है कि कब इन्हें सबक सिखाया जाए। डोटासरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में किसानों के साथ है और काले कानून वापस नहीं लिए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा।

 

mahesh joshi
महेश जोशी ने भी साधा निशाना
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी जसकौर मीणा और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता किसानों को बदनाम कर रहे हैं और इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। मुख्य सचेतक ने कहा कि जिस दिन देश का किसान बदनाम हो गया उस दिन देश ही नहीं बचेगा। जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह का अविश्वास पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि किसानों की बात सुनी जाती लेकिन यहां तो उल्टा उन्हें बदनाम करने की साजिशें हो रही हैं।

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