जयपुर

राजस्थान जीतने के लिए अब राहुल गांधी ने ली ‘गोविंद की शरण’…!

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जयपुरAug 11, 2018 / 06:19 pm

Nidhi Mishra

congress president Rahul Gandhi visited Govind Dev temple in Jaipur

जयपुर। राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। बहुमत हासिल करने के लिए प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टियां जीतोड़ मेहनत कर रही हैं। एक ओर जहां सत्ता पर फिर से हक जमाने की कोशिश कर रही बीजेपी ने अपना चुनावी सफर राजस्थान गौरव यात्रा के तहत चारभुजानाथ के मंदिर से किया, वहीं अब राहुल गांधी के लिए लगाए गए कयास हकीकत बन गए हैं। भव्य रोड शो से राजस्थान में कांग्रेस का चुनावी सफर शुरू करने शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजधानी में हैं। करीब 33 मिनट के भाषण के बाद अब राहुल जयपुर के प्रसिद्ध गोविंददेव जी के मंदिर पहुंच गए हैं। जहां मंदिर प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है, वहीं पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।

आपको बताते चलें कि मंदिर राजनीति की अटकलें तभी से लगाई जा रही थीं जब सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुनावी बिगुल चारभुजानाथ मंदिर से बजाया था। इसके बाद से ही इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि राहुल गांधी कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए राजस्थान का कौनसा बड़ा मंदिर चुनेंगे…? हालांकि तब ये तय नहीं हुआ था कि उनकी यात्रा कौनसे मंदिर से शुरू होगी।

बहरहाल आपको ये बताना जरूरी है कि एआईसीसी पहले ही प्रदेश के प्रमुख मंदिरों की सूची मंगा चुकी थी, जहां राहुल के जाने की संभावना थी। हालांकि ये भी सच है कि ऐसा पहली बार नहीं होगा जब राहुल चुनाव प्रचार के दौरान मंदिरों के दर्शन करने पहुंचेंगे। गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी मंदिरों के दर माथा टेकने पहुंचे थे। तब उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे। इस बार भी सचिन पायलट, अशोक गहलोत और रामेश्वर डूडी उनका साथ दे रहे हैं।
 

राजे की राह पर राहुल
कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार के दौरान राहुल भी वसुंधरा की तरह मंदिर से चुनावी युद्ध का प्रारंभ कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए राहुल अब पूजा-अर्चना करते दिखाई देने वाले हैं।
 

राजनीतिक लाभ का गणित
उधर, वसुंधरा राजे के मंदिर दर्शनों को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पालयट ने सवाल उठाया था कि आगामी चुनाव के मद्देनजर सियासी लाभ के लिए बीजेपी मंदिरों की चर्चा और चिंता कर रही है। ऐसे में अब राहुल की मंदिर यात्राओं को राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में राजनीतिक लाभ का गणित ही बताया जा रहा है। राजस्थान में राहुल और राजे की इस मंदिर राजनीति के बीच प्रदेश के भाग्य की असल में किसे चिंता है? ये एक अहम सवाल है।
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