यदि गांधी परिवार की बात करें तो इनमें राजीव गांधी, सोनिया गांधी के रहते कांग्रेस को जीत और हार मिली जबकि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कांग्रेस को हार का सामना करना पडा। पूर्व पीएम राजीव गांधी 1985 में अध्यक्ष बने और कांग्रेस सत्ता में आई। इसके बाद पार्टी 1989 का चुनाव हार गई। इसी तरह सोनिया गांधी 1998 में अध्यक्ष बनीं, लेकिन अगले ही साल 1999 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस हार गई। इस चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं। हालांकि 2004 और 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस को केन्द्र में सत्ता तक पहुंचाने में सोनिया गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। साल 2014 के चुनाव के वक्त सोनिया गांधी अध्यक्ष थीं। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस को अपने इतिहास की सबसे कम 44 सीटें ही मिल सकीं। 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी अध्यक्ष थे। पार्टी सिर्फ 52 सीटें ही जीत सकी। कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई और स्थापना के बाद अब तक 87 अध्यक्षों ने कांग्रेस का नेतृत्व किया। इनमें से आजादी के बाद 19 अध्यक्ष बने। इनमें से 37 साल तक नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य ही पार्टी अध्यक्ष रहा।
37 साल तक गांधी— नेहरू परिवार का सदस्य रहा अध्यक्ष
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37 साल तक गांधी— नेहरू परिवार का सदस्य रहा अध्यक्ष
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कांग्रेस अध्यक्ष कार्यकाल इतने साल जवाहरलाल नेहरू 1951 से 1954 — 3
इंदिरा गांधी 1969 और 1978 से लेकर 1984 तक — 7
राजीव गांधी 1985 से लेकर 1991 तक — 6
इंदिरा गांधी 1969 और 1978 से लेकर 1984 तक — 7
राजीव गांधी 1985 से लेकर 1991 तक — 6
सोनिया गांधी 1998 से लेकर 2017 तक — 19 राहुल गांधी 2017 से 2019 लेकर तक — 2 ………………..
जवाहरलाल नेहरू से इंदिरा गांधी तक 7 बार बने गैर नेहरू-गांधी अध्यक्ष
जवाहरलाल नेहरू से इंदिरा गांधी तक 7 बार बने गैर नेहरू-गांधी अध्यक्ष
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी के अध्यक्ष बनने तक 7 बार गैर नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष बने। आजादी के बाद पहली बार 1975 में आपातकाल लगाने से 1977 के चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस 153 सीटें ही जीत पाई। 1977 के वक्त देवकांत बरुआ पार्टी के अध्यक्ष थे। इस हार के बाद इंदिरा गांधी दोबारा अध्यक्ष बनीं और 1980 के चुनाव में कांग्रेस 351 सीटें जीतीं और दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाई।
कांग्रेस को मिली चार सौ से ज्यादा सीटें— साल 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में कांग्रेस को चार सौ से ज्यादा सीटें मिली। राजीव गांधी पार्टी के अध्यक्ष थे, इसके बाद वे प्रधानमंत्री बने। 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पडा। 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे थे तक मतदान के दौरान ही राजीव गांधी की तमिलनाडु में बम विस्फोट में हत्या हो गई। सहानुभूति नहर चली और 1991 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। बाद में नरसिम्हा राव को कांग्रेस अध्यक्ष भी बनाया गया, लेकिन 1996 के चुनाव में ही कांग्रेस हार गई और पहली बार भाजपा सत्ता तक पहुंची। इसके बाद सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष बने और 1998 के चुनाव में कांग्रेस फिर हार गई। इस हार के बाद सीताराम केसरी को पद से हटाया गया और सोनिया गांधी अध्यक्ष पद की कमान संभाली। इसके बाद अगले ही आम चुनाव यानी 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटें जीती और गठबंधन के साथ सरकार बनाई और मनमोहन सिंह को पीएम बनाया गया। कांग्रेस 2009 में दुबारा सत्ता में आई पीएम मनमोहन ही बने रहें।