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‘कहीं से तो मिल जाए दवा

locationजयपुरPublished: May 30, 2017 09:10:00 pm

Submitted by:

rajesh dixit

जिलेभर के सभी मेडिकल स्टोर बंद, दवाइयों के लिए भटकते मरीज और तीमारदार, दवाई नहीं मिल पाने पर परेशानी और कहीं से भी दवाई मिल जाने की उम्मीद।

प्रतापगढ़.

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प्रतापगढ़. जिलेभर के सभी मेडिकल स्टोर बंद, दवाइयों के लिए भटकते मरीज और तीमारदार, दवाई नहीं मिल पाने पर परेशानी और कहीं से भी दवाई मिल जाने की उम्मीद। शहर सहित जिलेभर में मंगलवार को कुछ यही माहौल दिखाई दिया। ऑनलाइन फार्मेसी, केन्द्रीय ई-पोर्टल, फार्मासिस्ट एवं ड्रग लाइसेंस नवीनीकरण समस्याओं पर जिला केमिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर जिलेभर के मेडिकल स्टोर बंद रहे। इसके चलते मरीज और तीमारदार दवाइयों के लिए भटकने को मजबूर रहे। इसके बावजूद दवाई नहीं मिलने पर उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मांगों को लेकर ज्ञापन (फोटो)
शहर के सभी दवा विक्रेता सुबह करीब 11 बजे मिनी सचिवालय पहुंचे और जिला प्रशासन को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिला केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष विनोद लसोड़ और सचिव महेन्द्र चिपड़ ने बताया कि ज्ञापन में ऑनलाइन फार्मेसी, केन्द्रीय ई-पोर्टल, फार्मासिस्ट एवं ड्रग लाइसेंस नवीनीकरण समस्याओं को बताते हुए समाधान की मांग की।
निशुल्क दवा केन्द्र पर भीड़ (फोटो)
जिले के सभी मेडिकल स्टोर बंद रहने से जिला चिकित्सालय में मरीजों और तीमारदारों की भीड़ उमड़ी रही। लोगों ने कतार में लगकर दवाईंया ली। कई ऐसे लोग भी दवा लेने पहुंचे जिन्होंने पूर्व में कभी निशुल्क दवा का उपयोग नहीं किया था। ऐसे में निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर भी मरीजों और तीमारदारों की लम्बी कतार लगी रही।
अस्पताल प्रशासन ने दी राहत
जिले के सभी मेडिकल स्टोर बंद रहने से जिला चिकित्सालय के निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर मरीजों और तीमारदारों की भीड़ उमड़ी रही। सामान्यतया अस्पताल में निशुल्क दवा वितरण केन्द्र सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक रहता है लेकिन मेडिकल बंद रहने से मरीजों की समस्या को देखते हुए जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ राधेश्याम कच्छावा ने अस्पताल में निशुल्क दवा केन्द्र दिनभर खोलने के निर्देश दिए। ऐसे में मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी राहत रही।
एक-एक मिनिट निकालना मुश्किल (फोटो)
दोपहर करीब 12 बजे जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर शहर के वरिष्ठ चिकित्सक धनेश सोनी के पास पहुंचे। डॉ धनेश सोनी ने उनकी जांच कर उन्हें दवाई लिख दी। दवाई लेने मेडिकल स्टोर पहुंचे तो उन्हें मेडिकल बंद मिला। लोगों ने उन्हें हड़ताल के बारे में बताया। इस पर वे वापस डॉ धनेश सोनी के पास पहुंचे और दवाई नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि दर्द के कारण उनका एक-एक मिनिट निकालना मुश्किल हो रहा है। डॉ सोनी ने उनकी पीड़ा को देखते हुए अपने पास से ढूंढकर उन्हें सैम्पल की दवाई दी।
मेडिकल के बाहर भीड़ (फोटो)
शहर के विभिन्न मेडिकल स्टोर्स के बाहर भी मरीज और उनके तीमारदारों की भीड़ लगी दिखाई दी। वे वहां मौजूद लोगों से मेडिकल बंद रहने के बारे में पूछते नजर आए। जैसे ही उन्हें हड़ताल के बारे में पता चलता उनका मुंह उतर जाता। लोगों ने कहा कि इस प्र्रकार मेडिकल बंद रहने से काफी परेशानी होती है। इस समस्या का जल्द हल निकलना चाहिए।
इमरजेंसी का उपचार (चिकित्सक का फोटो)
निजी चिकित्सक भी मेडिकल स्टोर्स बंद रहने से परेशान नजर आए। डॉ धनेश सोनी ने बताया कि वे मरीज को दवाई तो लिख रहे हैं लेकिन दवाई नहीं मिल पाने से इसका कोई फायदा नहीं हो रहा। इमरजेंसी वाले मरीजों को वे अपने पास से इंजेक्शन और बोतल आदि लगा रहे हैं। वहीं जिन दवाइयों के सैम्पल उनके पास मौजूद है उन्हें भी मरीजों को देकर राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
126 मेडिकल रहे बंद
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार और सचिव महेन्द्र चिप्पड़ ने बताया कि जिले में कुल 123 मेडिकल स्टोर्स हैं। ऑनलाइन फार्मेसी, केन्द्रीय ई-पोर्टल, फार्मासिस्ट एवं ड्रग लाइसेंस नवीनीकरण समस्याआ ये सभी मेडिकल पूरी तरह से बंद रहे। उनका कहना था कि इस कारण मरीजों को होने वाली परेशानी से उन्हें खेद है लेकिन अंतोगत्वा ऑनलाइन दवा विक्रय का विरोध कहीं ना कहीं आमजन के हित के लिए ही है।
 

 

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