रैली में ज्यादातर कार्यकर्ता लाने का जिम्मा राजस्थान को ही दिया है। इसकी वजह है कि यहां कांग्रेस की सरकार है और ये दिल्ली से भी नजदीक पडता है। इस रैली में राजस्थान को 50 हजार कार्यकर्ताओं का टारगेट दिया है। विधायक और पार्टी पदाधिकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी से रैली का खर्चा मांग रहे है। रैली में कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए बयों की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही कार्यकताओं के लिए भोजन की भी व्यवस्था जरूरी है। इस पर बहुत खर्चा आएगा। ऐसे में ये नेता एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे है।
जयपुर शहर कांग्रेस ने 10 हजार कार्यकर्ता ले जाने का लक्ष्य तय किया है। इस रैली की तैयारियों को लेकर एम पी सरकार के मंत्री और रैली के प्रभारी सज्जन वर्मा ने जयपुर में एक बैठक लेकर सभी को तैयारियां करने के निर्देश दिए है। वर्मा कई जिलों में रैली की तैयारियों को लेकर बैठक लेंगे। वर्मा ने कार्यकर्ताओं को कहा कि मोदी को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से अर्थव्यवस्था को लेकर ट्रेनिंग लेनी चाहिए।
एआईसीसी का इस प्रदर्शन में राजस्थान पर फोकस है। राजस्थान हमेशा से ही दिल्ली के प्रदर्शनों में अच्छी भीड़ लेकर पहुंचा है, ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व भी राजस्थान से उम्मीद लगाकर बैठा है। पिछले दिनों दिल्ली में गहलोत, पायलट और पांडे से केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और एके एंटोनी ने इस प्रदर्शन को लेकर मुलाकात भी की थी और रैली के लिए टारगेट दिए गए थे। रैली को लेकर राजमार्गो पर कांग्रेस की ओर से चैक पोस्ट भी बनाए जाएंगे। चैक पोस्ट पर बसों के नंबर और कार्यकर्ताओं की संख्या लिखी जाएगी।
एआईसीसी का इस प्रदर्शन में राजस्थान पर फोकस है। राजस्थान हमेशा से ही दिल्ली के प्रदर्शनों में अच्छी भीड़ लेकर पहुंचा है, ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व भी राजस्थान से उम्मीद लगाकर बैठा है। पिछले दिनों दिल्ली में गहलोत, पायलट और पांडे से केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और एके एंटोनी ने इस प्रदर्शन को लेकर मुलाकात भी की थी और रैली के लिए टारगेट दिए गए थे। रैली को लेकर राजमार्गो पर कांग्रेस की ओर से चैक पोस्ट भी बनाए जाएंगे। चैक पोस्ट पर बसों के नंबर और कार्यकर्ताओं की संख्या लिखी जाएगी।