जिसके बाद शुक्रवार शाम से ही बागियों को मनाने की कवायद शुरू हो गई। कांग्रेस नेताओं को डर है कि अगर बागी चुनाव मैदान से नहीं हटे तो कांग्रेस प्रत्याशियों के समक्ष मुश्किलें पेश आ सकती है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का ये भी दावा है कि नाम वापसी की तारीख के पहले-पहले वे बागियों को मनाने में कामयाब हो जाएंगे।
संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों का आश्वासन
सूत्रों की माने तो निकाय चुनाव में बागी प्रत्याशियों के रूप में ताल ठोक चुके नेताओं को संगठन में अहम पद देने और राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किए जाने का आश्वासन नेताओं की ओर से दिया जा रहा है। बाकायदा बागियों को बुलाकर उनकी बात पार्टी के आला नेताओं से कराई जा रही है। टिकट वितरण के लिए नियुक्त किए पर्यवेक्षक बागियों को मनाने में जुटे हैं।
पीसीसी ने मांगी बागियों की रिपोर्ट
वहीं दूसरी ओर 50 निकायों में पार्टी के बागी प्रत्याशियों की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय ने स्थानीय नेताओं और पर्यवेक्षकों से मांगी है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के कंट्रोल रूम में तैनात नेता भी बागियों से बातचीत कर उन्हें मनाने के प्रयास करेंगे अगर बावजूद इसके वो नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि जयपुर सहित 6 नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के बागी प्रत्याशियों के मैदान में उतरने के चलते कई कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था।
3 दिसंबर है नाम वापसी की तारीख
वहीं 50 निकायों में शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन 10191 उम्मीदवारों ने 13183 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। नामांकन पत्रों की जांच 1 दिसंबर और नाम वापसी की तारीख 3 दिसंबर है। इन निकायों में 11 दिसंबर को मतदान और 13 दिसंबर को मतगणना होगी।