इसी बीच कांग्रेस केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 28 मई को एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत कांग्रेस लोगों के खाते में सीधे 10 हजार रुपए डालने की मांग केंद्र सरकार से करेंगे। कोरोना महामारी से त्रस्त प्रवासी श्रमिकों ,कामगारों ,लघु व्यापारियों ,असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों समेत वो लोग जो इन्कम टैक्स के दायरे में नहीं आते उनके लिए कांग्रेस ये अभियान शुरू करने जा रही है।
ऑनलाइन अभियान के जरिए देशभर में कांग्रेस इस मांग को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए प्रत्येक राज्य में कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से ज्यादा से ज्यादा इस मांग के समर्थन में वोटिंग कराएगी, और वोटिंग का आंकड़ा केंद्र सरकार के पास भेजेगी कि इतने लोग कांग्रेस के इस अभियान के समर्थन में हैं। 28 मई को सुबह 11 बजे से 2 बजे तक चलने वाले इस ऑनलाइन अभियान में कांग्रेस के तमाम विधायक, सांसद भी शामिल होंगे।इस अभियान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर सभी राज्य इकाइयों को पत्र भी भेजे गए हैं।
आज वीसी से जुड़ेगे तमाम पीसीसी चीफ
वहीं इस मामले पर रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी आलाकमान ने सभी राज्यों के पीसीसी चीफ, सीएलपी लीडर्स की बैठक बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज दोपहर 12 बजे आयोजित होने वाली इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल पीसीसी चीफ और सीएलपी लीडर्स से चर्चा कर अपने-अपने राज्यों में इस मुहिम को शिद्दत और मुस्तैदी के साथ शुरू करने के निर्देश देंगे।
प्रवासी मजदूरों के ट्रेन खर्च पर भी होगी चर्चा
बताया जाता है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी के आला नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से प्रवासियों को ट्रेनों से भेजने के मामले में भी चर्चा करेंगे कि किस राज्य ने कितने प्रवासियों को घर भेजने में उनकी मदद की और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ।
आम आदमी के बीच पैठ बनाने का प्रयास
सूत्रों की माने तो बीते दो माह में कांग्रेस पार्टी की ओर से जिस तरह से ताबड़तोड़ केन्द्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला जा रहा और खासकर प्रवासी मजदूरों और आम लोगों को राहत देने के मामले उठाए जा रहे हैं, उससे कहीं न कहीं कांग्रेस फिर से अपना खोया जनाधार पाने की जुगत में है। कांग्रेस हलकों में इस प्रयास को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।